चार परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर किया गया शिफ्ट

दर्जन भर भवनों में दरारें पड़ने के बाद डोडा के नई बस्ती गांव को रेड जोन घोषित कर सील कर दिया गया है। गांव में आवाजाही रोकने के लिए सेना तैनात की गई है। वहीं, रामबन जिले के रामसू में हाईवे किनारे पहाड़ी पर घरों में दरारें पड़ गईं, जिसके तत्काल बाद चार परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। रामसू में जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए खोदाई की गई थी, जिसके बाद भूस्खलन से घरों में दरारें पड़ गईं।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रामबन के रामसू से सटे क्षेत्र में मोहम्मद अशरफ, मोहम्मद हनीफ, मोहम्मद रफीक और मोहम्मद अशरफ भट के परिवारों को जान और माल के नुकसान की आशंका के चलते हाई स्कूल रामसू में स्थानांतरित किया गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की सब-कॉन्ट्रैक्टर कंपनियों द्वारा की जा रही खोदाई के कारण घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। अन्य घरों पर भी खतरा मंडरा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि थाना रामसू के पास अवैज्ञानिक तरीके से मिट्टी काटे जाने के कारण हाईवे के किनारे पहाड़ पर भूस्खलन से लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्हें आशंका है कि बारिश में दरारें बढ़ सकती हैं और अन्य आवासीय घरों को भी नुकसान हो सकता है।

उन्होंने तत्काल मरम्मत के निर्देश देने की अपील की है। उधर, डोडा जिले की तहसील ठाठरी के गांव नई बस्ती को प्रशासन ने रेड जोन घोषित कर इलाके में सेना और सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया है। यहां किसी को आने-जाने की अनुमति नहीं है।नई बस्ती में बनी इमारतों में दरार आने के बाद यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। कई दिनों से इस बस्ती में जमीन तेजी से खिसक रही है। जमीन में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। गांव को सील कर सुरक्षा बल पहरा दे रहे हैं। डीसी, एसएसपी और एसडीएम ठाठरी लगातार नई बस्ती का दौरा कर रहे हैं।

डोडा जिले के जिला उपायुक्‍त विशेष पाल महाजन का कहना है कि ज्योलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) के विशेषज्ञों ने नई बस्ती गांव का दौरा किया है। यहां 19 रिहायशी घरों के अलावा एक मस्जिद और एक मदरसे में दरार पड़ने के कारणों की जांच की जा रही है। जीएसआई टीम जल्द ही रिपोर्ट देगी। प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जा रही है। सभी आवश्यक सुविधाएं और राहत शिविर स्थापित किया गया है। (एएमएपी)