मध्य प्रदेश में अब तक कांग्रेस को समर्थन देने वाले जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन जयस ने इस बार अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। फिलहाल वो 80 सीटों पर अपना दमखम दिखाने की तैयारी में है। ये वो सीटें हैं जहां आदिवासी वोटर्स निर्णायक हैं। जयस के अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान से कांग्रेस में बेचैनी पैदा हो गई है। वहीं बीजेपी भी घबरा रही है।कांग्रेस से जुड़े आदिवासी संगठन जयस के नेता हीरालाल अलावा विधायक हैं। जयस प्रमुख हीरालाल अलावा ने ऐलान किया है कि आदिवासी बहुल 80 विधानसभा सीटों पर संगठन अपने उम्मीदवार उतारेगा। कांग्रेस प्रभावित विधानसभा सीटों पर जयस के बढ़ते प्रभाव को लेकर कांग्रेस के ही विधायक टेंशन में हैं। जयस जिन 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाला है उनमें वह सीटें भी शामिल होंगी जो कांग्रेस के कब्जे वाली आदिवासी सीटें हैं।

कांग्रेस में बेचैनी

जयस प्रमुख हीरालाल अलावा ने कहा यदि आदिवासी संगठन जयस के बढ़ते प्रभाव से कांग्रेस के विधायक बेचैन हैं तो यह उनकी परेशानी है। जयस विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों में जुटा है। कांग्रेस विधायकों ने भी जयस के बढ़ते प्रभाव पर कहा है जयस कांग्रेस से जुड़ा हुआ एक संगठन है। लेकिन यदि वह अकेले विधानसभा चुनाव लड़ता है तो कांग्रेस उस से मुकाबला करने के लिए तैयार होगी।

80 सीटों पर नजर

मध्य प्रदेश के मालवा निमाड़ से लेकर ग्वालियर चंबल और महाकौशल तक में आदिवासी संगठन का प्रभाव तेजी के साथ बढ़ा है। 2018 में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले जयय में अब इतनी ताकत आ गयी है कि वो अपने दम पर चुनाव लड़ने का सपना देख रहा है। ऐसे में जयस के बढ़ते प्रभाव को लेकर कांग्रेस के अंदर घमासान मचा हुआ है। अब देखना यह होगा कि क्या विधानसभा चुनाव में आदिवासी संगठन कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ता है या फिर अकेले दम पर चुनाव लड़ा जाएगा। या फिर किसी तीसरी पार्टी के साथ खड़ा नजर आएगा।(एएमएपी)