सिनेमा में आये बदलाव पर होगा मंथन।

भारतीय ज्ञान, धर्म, संस्कृति और परम्परा की प्रासंगिकता को स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में समझने और इसे नई वैश्विक उंचाई देने के लिए धर्म नगरी काशी में 10 से 12 फरवरी तक ‘काशी शब्दोत्सव’ का आयोजन होगा। इसमें भाग लेने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को भी आमंत्रित किया गया है। वैश्विक स्तर के वैचारिक संवाद ‘काशी शब्दोत्सव’में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, प्रख्यात गीतकार व वक्ता मनोज मुंतशिर,चाणक्य धारावाहिक के विख्यात प्रस्तोता डा.चंद्रप्रकाश द्विवेदी सहित 80 से अधिक विशिष्ट हस्तियों की उपस्थिति रहेगी।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उ.प्र. क्षेत्र के सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख मनोजकांत ने बताया कि यह आयोजन वैचारिक चिंतन-मंथन के माध्यम से देश और दुनिया के बौद्धिक समाज को अमृत प्रदान करने वाला होगा। ‘काशी शब्दोत्सव’ के माध्यम से हम देश-विदेश के लेखकों, विचारकों को इस आयोजन में लाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रयास होगा कि काशी शब्दोत्सव में सभी भाषा-भाषी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व हो।काशी के विद्वानों के साथ-साथ भारतीय ज्ञान परंपरा में रुचि रखने वाले लोग इस आयोजन के साक्षी बनेंगे। विश्व संवाद केन्द्र काशी की ओर से सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में काशी के सभी विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों,पद्म पुरस्कार से सम्मानित विशिष्ट जनों को भी जोड़ने का प्रयास हो रहा है।

उन्होंने कहा कि काशी देश की सांस्कृतिक राजधानी कही जाती है। हम काशी की ज्ञान परम्परा, गरिमा एवं वैश्विकता के अनुरूप ही 18 सत्र का आयोजन कर रहे हैं। काशी दुनिया को संस्कार, संस्कृति और परम्परा के माध्यम से शब्दों की उत्सवधर्मिता एवं मानवता का संदेश देती रही है। प्रयास है कि इस शब्दोत्सव में शास्त्र और लोक, पुरातन और अद्यतन, परम्परा और विज्ञान, योग और अध्यात्म का समन्वय दिखे।

नव संवत्सर के स्वागत को तैयार पलाश और सेमल के फूल

भारत में आयोजित जी-20 सम्मेलन की बैठक के मद्देनजर कूटनीतिक संवाद पर गहन मंथन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उ.प्र. क्षेत्र के सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख मनोजकांत ने बताया कि भारत में आयोजित जी-20 सम्मेलन के बैठक के मद्देनजर हम वसुधैव कुटुंबकम को ध्यान में रख कूटनीतिक संवाद,सांस्कृतिक विशिष्टता का विषय बना रहे हैं। हमारा प्रयास है कि यह सारा संवाद सकारात्मक एवं रचनात्मक दृष्टि उत्पन्न करने वाला बने। जिससे भारतीय समाज और विश्व को हमारे मूल तत्वज्ञान के साथ ही व्यावहारिक ज्ञान का बोध कराया जा सके। इसीलिए इस आयोजन में भारत बोध को भी समाहित किया गया है। हम काशी की विभूतियों को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे कि ज्ञान संस्कृति और परम्परा के संगम का यह अनूठा आयोजन बन सके। उन्होंने बताया कि काशी शब्दोत्सव में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास नई दिल्ली की ओर से तीन दिन तक पुस्तक मेला भी आयोजित होगा।

सिनेमा में आये बदलाव पर भी चर्चा

काशी शब्दोत्सव में सिनेमा में आये बदलाव पर भी खास चर्चा होगी। प्रख्यात गीतकार व वक्ता मनोज मुंतशिर,चाणक्य धारावाहिक के विख्यात प्रस्तोता डा.चंद्रप्रकाश द्विवेदी सहित इस विधा से जुड़े विशिष्ट जनों की मौजूदगी में सिनेमा जगत में आई विकृतियों पर चर्चा होगी। (एएमएपी)