शराब घोटाला मामले में ईडी द्वारा की गई 16वीं गिरफ्तारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को गिरफ्तार किया। ईडी की टीम केजरीवाल के सरकारी आवास पर करीब 4 घंटे चले सर्च ऑपरेशन के बाद देर रात उन्हें अपने साथ ले गई। ईडी ने शुक्रवार को केजरीवाल को अदालत में पेश किया। जहां ईडी ने उनकी दस दिन की हिरासत की मांग की। तीन घंटे लंबी चली सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। जिसके बाद अदालत ने अपने फैसले में केजरीवाल को 28 मार्च तक की रिमांड पर भेज दिया।

स्पेशल जज कावेरी बावेजा की अदालत में शुक्रवार को हुई सुनवाई में ईडी ने रिमांड अपील दाखिल की। ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे एएसजी एसवी राजू ने अदालत को बताया कि एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 के तहत आवश्यकताओं का अनुपालन किया है। उन्होंने कहा कि उनके  रिश्तेदारों को सूचित कर दिया गया है और रिमांड आवेदन की प्रति उन्हें दे दी गई है। इससे पहले केजरीवाल ने ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली थी। अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में याचिका वापस ले रहे हैं क्योंकि इसमें रिमांड से टकराव हो रहा है। शराब घोटाला केस में ईडी द्वारा 16वीं गिरफ्तारी है। पद पर रहने के दौरान किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का यह पहला मामला है।

जेल से चलाऊंगा सरकार : केजरीवाल

कोर्ट के फैसले के बाद सीएम केजरीवाल का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे। सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। अगर करना पड़ा तो जेल से सरकार चलाऊंगा। हमें यकीन है कि दिक्कतें आएंगी लेकिन हम काम करने की कोशिश करेंगे। अंदर हो या बाहर… सरकार वहीं से चलेगी।’ ऐसे में केजरीवाल ने यह साफ कर दिया है कि गिरफ्तारी और ईडी रिमांड के बाद वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देने वाले हैं। केजरीवाल ने अपनी सेहत के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि मेरी हेल्थ एकदम फर्स्ट क्लास है। जब उनसे ईडी की गिरफ्तारी के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि ‘मुझे माता-पिता से आशीर्वाद लेने का भी मौका नहीं मिला। मैंने सोचा नहीं था कि ईडी इतनी जल्दी मुझे अरेस्ट करने आएगी।’

ईडी द्वारा जारी नौ समन को टाल चुके केजरीवाल

ईडी इस मामले में अब तक 6 आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और 128 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुकी है। केजरीवाल इस मामले में पूछताछ के लिए ईडी द्वारा जारी किए गए नौ समन को टाल चुके थे। इनमें नया समन गुरुवार 21 मार्च को जारी किया गया। उन्होंने इन समन को ‘अवैध’ करार दिया है। इससे पहले 15 मार्च को ईडी ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी को भी गिरफ्तार किया था। लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान के बीच, केजरीवाल की गिरफ्तारी पर ‘आप’ ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ‘आप’ ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। जरूरत पड़ने पर, वह जेल से सरकार चलाएंगे। हालांकि, भाजपा ने नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद से उनके इस्तीफे की मांग की है।

केजरीवाल भ्रष्टाचारियों के नेता हैं : भाजपा

भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा कि उन्हें कर्मों का फल तो भोगना ही पड़ेगा। अगर आम आदमी पार्टी के नेता भ्रष्ट हैं तो उन्हें जेल जाना ही होगा। कानून से ऊपर कोई नहीं है। कानून सभी के लिए सामान रूप से काम करता है। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचारियों के नेता हैं। जो भी इनके पक्ष में बोल रहे हैं चाहे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी हो , या फिर लालू प्रसाद यादव सभी जमानत पर बाहर हैं। सब चोर चोर मौसेरे भाई हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त आम आदमी पार्टी के कई नेता जेल में हैं। उन्होंने कहा कि जिस शराब नीति को लेकर यह दावा किया गया था कि इससे दिल्ली का खजाना भर जाएगा, जब सीबीआई जांच शुरू हुई तो उसे वापस ले लिया गया और फिर सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इससे दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ ‘आप’ का प्रदर्शन

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। दिल्ली के कई इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई। शुक्रवार को दिल्ली के आईटीओ इलाके में पुलिस ने बैरिकेडिंग की। सीएम अरविंद केजरीवाल की ईडी गिरफ्तारी के खिलाफ आप के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। प्रदर्शन के दौरान आईटीओ चौक पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। सड़क पर गाड़ियों की लंबी लाइनें लग गई। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। होली घर जाने वाले और खरीदारी के लिए निकले लोग भी जाम के कारण परेशान होते दिखे।

क्या था शराब घोटाला मामला

17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की थी। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए थे और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। राज्य सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी थी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई। नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने का आरोप है। भाजपा ने आरोप लगाया कि इससे बड़े शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बोले अन्ना हजारे , ‘ ये तो कर्मों का फल है’

बता दें कि शराब घोटाला मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अलावा विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, पी सरथ चंद्रा, बिनोय बाबू, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, राघव मंगुटा, राजेश जोशी, अमन ढाल, अरुण पिल्लई, मनीष सिसोदिया, दिनेश अरोड़ा, संजय सिंह, के. कविता को गिरफ्तार किया गया है। (एएमएपी)