ट्रेन की तरह बस में बुक होंगी सीटें।
दिल्ली की सड़कों पर यदि आप बस से सफर करते हैं तो यह खबर आपके काम की है। राजधानी में अब ट्रेन या फिर लंबे रूट की बसों की ही तर्ज पर टिकटों की बुकिंग हो सकेगी। इससे लोगों को लंबी यात्रा करने का फिर आराम से दफ्तर जाने और वापस लौटने में सुविधा होगी। दिल्ली परिवहन निगम इसके लिए प्रीमियम इंट्रा-सिटी एसी बस सेवा शुरू करने वाला है। इसी के तहत यह सुविधा दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य प्रीमियम यात्रियों, विशेष रूप से ऑफिस जाने वालों की जरूरतों को पूरा करना है। इन बसों का किराया दिल्ली सरकार द्वारा संचालित रेगुलर बसों की तुलना में अधिक होगा।
इन बसों में खड़े यात्री नहीं होंगे और ज्यादातर डीटीसी और क्लस्टर बसों में होने वाली भीड़ नहीं होगी। इन प्रीमियम बसों में पीक आवर्स के दौरान भी किसी तरह की भीडभाड़ या धक्कामुक्की नहीं होगी क्योंकि इसमें खड़े होकर यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अपने आधिकारिक आवास पर प्रेस कांफ्रेंस में इस योजना ‘दिल्ली प्रीमियम बस एग्रीगेटर योजना’ की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि यह राजधानी में अपनी तरह की पहली सिटी बस सेवा होगी। इस योजना पर पिछले चार साल से काम चल रहा था। केजरीवाल ने कहा, “हम प्रीमियम बस सेवा योजना की फाइल उपराज्यपाल के पास विचार के लिए भेज रहे हैं।”
हालांकि इन प्रीमियम बसों को दिल्ली सरकार नहीं चलाएगी। योजना के तहत, बसें निजी बिचौलियों द्वारा चलाई जाएंगी। कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली कंपनी लाइसेंस शुल्क देकर दिल्ली सरकार से लाइसेंस प्राप्त करेगी। सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें जो तीन वर्ष से अधिक पुरानी नहीं हैं, केवल प्रीमियम बस सेवा में उपयोग की जा सकती हैं।
इन प्रीमियम बसों में वाई-फाई, सीसीटीवी, जीपीएस, पैनिक बटन और अन्य सुविधाएं होंगी। किराया डीटीसी और क्लस्टर बसों की तुलना में अधिक होगा। बुकिंग केवल मोबाइल और वेब ऐप के जरिए की जाएगी और सरकार ने बसों के लिए कई सुविधाएं अनिवार्य की हैं।
हालांकि, इन प्रीमियम बसों में महिलाओं के पिंक टिकट वाला नियम लागू नहीं होगा। सीएम ने कहा कि इस योजना को एलजी की मंजूरी मिलने के बाद लोगों का सुझाव और उनकी प्रतिक्रिया ली जाएगी। बता दें, अभी दिल्ली में 7,379 सार्वजनिक बसें (3319 क्लस्टर बसें और 4060 डीटीसी बसें) हैं, जिनमें 300 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं, जो 600 से अधिक बस मार्गों पर चलती हैं।(एएमएपी)