दूसरी ओर इन भर्तियों की खामियों को लेकर जताई जा रही है नाराजगी।
सहायक प्रध्यापकों के खाली पड़े हैं 3800 से अधिक पद
दरअसल, हरियाणा के कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 3800 से अधिक पद खाली पड़े हैं। इन पदों को भरने का हजारों अभ्यर्थी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, लेकिन बार-बार भर्ती की तारीख टल जाती थी। नियम में संशोधन से अब उनकी उम्मीद जागी है कि अब उन्हें अपने सपनों की नौकरी मिल सकेगी। नए नियमों के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग भर्ती का प्रस्ताव हरियाणा लोक सेवा आयोग को भेजा है।
प्रथम चरण में होगी 1,535 पदों के लिए के लिए नियुक्ति
प्रस्ताव मिलते ही आयोग अलग-अलग विषयों के पदों के लिए विज्ञापन जारी करेगा। पहले चरण में 1,535 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा सकते हैं और उसके बाद दूसरे चरण में भर्ती होगी। जिसके लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग जल्दी ही भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर सकता है।इस संदर्भ में अधिकारिक सूत्रों के माध्यम से बताया जा रहा है कि यह भर्ती भी दो चरणों में की जाएगी। आने वाले महीनों में विज्ञापन जारी हो सकता है और भर्ती प्रक्रिया भी तेज होने की उम्मीद है।
46 फीसदी पद अकेले अंग्रेजी विषय के
सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के प्रस्तावित 1535 पदों में से 46 फीसदी पद अकेले अंग्रेजी विषय से भरे जाएंगे। नतीजा यह हुआ कि पांच अन्य विषयों में पदों की संख्या 10 फीसदी से भी कम हो गयी है, जिसके चलते इस निर्णय का विरोध भी सामने आ रहा है।
इस मामले में डॉ. अमित चौधरी, कॉलेज शिक्षक संघ की ओर से कहा गया कि कॉलेज स्तर पर कुल 37 विषयों की पढ़ाई होती है, लेकिन अधियाचना सिर्फ 16 विषयों की ही भेजी गयी है। कुल 16 विषयों में नियुक्ति की जानी है। प्रस्तावित 1,535 पदों में से 714 पद अकेले अंग्रेजी के लिए भरे जाएंगे। डीएचई के प्रस्ताव में साफ देखा जा सकता है कि कई विषयों को मांग सूची में शामिल नहीं किया गया है और कुछ पर जरूरत से ज्यादा जोर दिया गया है।
एससी-एसटी और सामान्य के लिए ये रहेगी सीटों की संख्या
अंग्रेजी के अलावा पॉलिटिकल साइंस और बॉटनी के 145-145, जूलॉजी के 125, साइकोलॉजी के 120, फिजिकल एजुकेशन के 119, संस्कृत के 40, पंजाबी के 38, डिफेंस स्टडीज के 35, मास कम्युनिकेशन के 21, 11 पदों पर भर्ती की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि जैव-प्रौद्योगिकी के लिए आठ, पर्यटन के लिए आठ, दर्शनशास्त्र के लिए छह, समाजशास्त्र के लिए पांच, सूक्ष्म जीव विज्ञान के लिए दो और मानव विज्ञान के लिए एक पद है।
प्रस्तावित पदों में से 768 सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए, 306 एससी के लिए, 211 पिछड़ा वर्ग (ए), 96 पिछड़ा वर्ग (बी) के लिए और 154 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं। वहीं, हरियाणा गवर्नमेंट कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (एचजीसीटीए) ने सहायक प्रोफेसरों की भर्ती के लिए डीएचई के प्रस्ताव में 16 विषयों के अलावा अन्य के रिक्त पदों को शामिल नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की है।
इसका कहना है कि कॉलेज स्तर पर कुल 37 विषयों की पढ़ाई होती है, लेकिन अधियाचना केवल 16 विषयों के लिए भेजी गयी है, जो अनुचित है। जहां एक ओर सरकार पदों के युक्तिकरण पर जोर देती है, वहीं दूसरी ओर बिना किसी तर्कसंगत अपील के रिक्तियों की योजना बनाती है। डीएचई के प्रस्ताव में यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कई विषयों को मांग सूची में शामिल नहीं किया गया है और कुछ पर अधिक जोर दिया गया है।
हरियाणा गवर्नमेंट कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (एचजीसीटीए) का कहना यह भी है कि सरकार ने हाल ही में बहुप्रतीक्षित ऑनलाइन स्थानांतरण नीति को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए एक सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है, लेकिन जब भर्ती की बात आई, तो उसने कॉलेज में हितधारकों से वास्तविक आवश्यकता जानने की जहमत नहीं उठाई। वहीं, हरियाणा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार ने यह पुष्टि कर दी है कि उन्होंने 1,535 पदों पर सहायक प्रोफेसरों की भर्ती के लिए एचपीएससी को पत्र लिखा है ।(एएमएपी)