अमूमन देश के बड़े शहरों में सड़कों पर महिलाओं, युवतियों, बच्चियों से दुष्कर्म, छेड़खानी, राहजनी आपराधिक वारदातें सुर्खियों में रहती हैं लेकिन कोलकाता महिलाओं के खिलाफ ऐसे अपराधों से बहुत हद तक अछूता है। इसकी वजह है कि यहां सड़कों पर देवदूत की तरह विनर्स का पहरा है। ये विनर्स किसी फरिश्ते की तरह महिलाओं के लिए न केवल सुरक्षा कवच हैं बल्कि महानगर में सड़कों पर महिलाओं के लिए खतरा बनने वाले सड़क छाप मनचलों के लिए डर का दूसरा नाम है।हम बात कर रहे हैं कोलकाता पुलिस की महिला बटालियन विनर्स की। 2018 में बहुचर्चित तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की पहल पर गठित की गई महिला पुलिस कर्मियों की यह टीम देश के सबसे औपनिवेशिक शहर कोलकाता में महिलाओं के लिए आज सुरक्षा और स्वतंत्रता का दूसरा नाम बन गई हैं। अभी हाल ही में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) का एक आंकड़ा सामने आया था जिसमें कोलकाता को सबसे सुरक्षित शहर बताया गया था। इसकी वजह कहीं ना कहीं महिलाओं की यह टीम ही है।
मुंशी प्रेमचंद ने कहा था कि पुरुष जब विकास के अंतिम पायदान पर पहुंचेगा तो महिला बन जाएगा। इसी पुरुष प्रधान समाज ने महिलाओं को अबला नाम दिया है लेकिन कोलकाता पुलिस की इस महिला बटालियन ने साबित किया है कि उन्हें अबला नहीं बल्कि दबंग सबला कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
आज के आधुनिक जमाने में जब आसमान का सीना चीर कर फाइटर प्लेन्स उड़ाने से लेकर अंतरिक्ष की गहराइयों में विज्ञान के अनसुलझे रहस्य को सुलझाने में अपना परचम लहराने वाली सशक्त नारी शक्ति की झलक इन महिला पुलिसकर्मियों में देखी जा सकती है।
सफेद स्कूटी पर लगाती हैं गश्ती
लाल बाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महिला बटालियन की इस टीम को सफेद स्कूटी दी गई है। एक स्कूटी पर दो पुलिसकर्मी सवार होकर कोलकाता की सड़कों पर गश्ती लगाती हैं। टीम में शुरुआती तौर पर 34 महिलाओं को शामिल किया गया था लेकिन बाद में 10 और महिला पुलिसकर्मियों को मिलाकर फिलहाल 44 पुलिसकर्मी इसमें हैं। विनर्स में हर आयु वर्ग की महिला पुलिसकर्मियों को रखा गया है ताकि अनुभव से लेकर युवा सोच और सूझबूझ के जरिए समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।
अधिकारी ने बताया कि पहले धर्मतल्ला, विक्टोरिया मेमोरियल, बाबू घाट, साइंस सिटी, प्रिंसेप घाट, इलियट पार्क, जादवपुर, लेक समेत कोलकाता के उन तमाम दर्शनीय स्थलों पर महिलाओं के साथ अमूमन छेड़खानी की घटनाएं होती थीं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक देश-दुनिया से पहुंचते हैं। कोलकाता में अंग्रेजी जमाने से ही कई सारे दर्शनीय स्थल हैं जहां दिनभर प्रेमी जोड़ों की भीड़ रहती है। यहां अमूमन छेड़खानी, राह जनी और अन्य आपराधिक वारदातें होती रहती थीं। लेकिन अब महिला बटालियन की टीम के होने की वजह से ऐसे अपराध लगभग खत्म हो गए हैं। विनर्स की टीम ऐसी सभी जगहों पर लगातार गश्ती लगाती रहती हैं जिसकी वजह से मनचलों की हिम्मत नहीं होती कि किसी महिला, युवती या बच्ची के साथ कुछ गलत कर सकें। इन महिला पुलिसकर्मियों को ऐसा प्रशिक्षण दिया गया है ताकि कहीं भी किसी भी तरह की आपराधिक मानसिकता वाले लोगों की शिनाख्त आसानी से कर सकें और किसी वारदात के पहले ही संदिग्ध को दबोचा जा सके।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अपनी स्थापना से लेकर आज तक विनर्स ने कुल 275 लोगों की गिरफ्तारी की, जो सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं के खिलाफ आपराधिक वारदात में शामिल थे। 24 घंटे सातों दिन महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विनर्स को कई टीम में बांटा गया है। दो ऐसी टीम हैं जो रात में 10:00 बजे से सुबह 4:00 बजे तक गश्ती लगाती हैं। प्रत्येक टीम में चार महिला पुलिसकर्मी हैं और दो शिफ्ट में इनकी ड्यूटी होती है।
इसके अलावा एक टीम में आठ महिला पुलिसकर्मी हैं जो मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को सुबह के समय गश्ती लगाती हैं। जबकि एक दूसरी टीम है जिसमें आठ महिला पुलिसकर्मी हैं जो सप्ताहांत यानि शनिवार और रविवार को शाम के समय कोलकाता की महत्वपूर्ण जगहों पर पेट्रोलिंग करती है।
कई बार सड़कों पर आपराधिक वारदात होने पर महिलाओं को संभालने के लिए महिला पुलिस कर्मियों की कमी रहती है जहां विनर्स की टीम बखूबी हालात को संभाल लेती है।
बच्चियों के लिए प्रेरणा है विनर्स की टीम : लीना गांगुली
पश्चिम बंगाल राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गांगुली ने इस संबंध में कहा कि कोलकाता पुलिस की यह महिला बटालियन विनर्स बच्चियों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि हमारा जो भारतीय सामाजिक ताना-बाना है उसमें बच्चियों को अपना भविष्य निर्धारित करना बेहद मुश्किल होता है लेकिन कोलकाता पुलिस की इस महिला बटालियन को देखकर लड़कियों की मानसिकता पुलिस में नौकरी के लिए तैयार होगी। इसके अलावा अपनी सुरक्षा के साथ-साथ दूसरे को भी सुरक्षित करने की जो मनोभावना विनर्स की टीम में है वह हर लड़की के लिए प्रेरणा है।
बांग्ला फिल्म इंडस्ट्रीज की मशहूर हस्ती, चर्चित लेखिका तथा प्रोड्यूसर रहीं लीना गांगुली ने आगे कहा कि कोलकाता पुलिस की विनर्स की जितनी भी सराहना की जाए कम है। इसी तरह की टीम अन्य जिलों में भी बननी चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस में मौजूद महिला पुलिस कर्मी भी बहुत अच्छा काम करती हैं लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक डेडिकेटेड बटालियन का होना सड़कों पर नारी शक्ति में आत्मविश्वास बढ़ाने वाला है। यह ना केवल सशक्त नारी शक्ति की मिसाल है बल्कि महिलाओं के खिलाफ अपराध पर किस तरह से है लगाम लगाया जा सकता है, इसकी बानगी भी है। (एएमएपी)