आपका अखबार ब्यूरो।
विश्वव्यापी महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआई) ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। इसके साथ ही भारत दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया है जिसने दो कोरोना वैक्सीन के एक साथ आपातकालीन इस्तेमाल को स्वीकृति दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह भारतीयों के लिए गर्व का दिन है और इससे आत्मनिर्भर भारत की मुहिम आगे बढ़ी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी कोरोना की रोकथाम की वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने का फैसले का स्वागत किया है।
डीसीजीआई के निदेशक वीजी सोमानी ने रविवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने की आधिकारिक तौर पर घोषणा की।
नपुंसक होने का दावा बकवास
वैक्सीन से नपुंसक होने के दावे को बकवास बताते हुए डीसीजीआई के निदेशक सोमानी ने कहा कि अगर सुरक्षा से जुड़ा थोड़ा भी संशय होता तो हम ऐसी किसी भी चीज को मंजूरी नहीं देते। आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूर की गई इन दोनों वैक्सीनों कोविशील्ड और कोवैक्सीन को 100 प्रतिशत सुरक्षित बताते हुए उन्होंने कहा कि हल्के बुखार, दर्द और एलर्जी जैसे कुछ दुष्प्रभाव हर वैक्सीन के लिए आम हैं। लेकिन वैक्सीन से लोग नपुंसक हो सकते हैं, यह दावा पूरी तरह से बकवास है।’
क्या #vaccine सभी को एक साथ दी जाएगी ?
सरकार ने उच्च जोख़िम वाले समूहों को प्राथमिकता के आधार पर #vaccination के लिए चुना है।
🔷 पहले समूह में health workers व frontline workers शामिल हैं।
🔶 उसके बाद 50 साल से अधिक के व्यक्ति और वे लोग शामिल होंगे जो किसी रोग से पीड़ित हैं। pic.twitter.com/zZFABd2i6u
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 3, 2021
सोमानी ने कहा कि दोनों ही वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री तापमान के बीच स्टोर करना होगा। इसके अलावा जायडस कैडिला की वैक्सीन ‘जाइकोव-डी’ को तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है।
पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को दी बधाई, आत्मनिर्भर भारत का जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों वैक्सीनों को मंजूरी मिलने के बाद ट्वीट किया, ‘डीसीजीआई ने सीरम इंस्टिट्यूट के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है। भारत को बधाई। हमारे सभी मेहनती वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स को बधाई।’
A decisive turning point to strengthen a spirited fight!
DCGI granting approval to vaccines of @SerumInstIndia and @BharatBiotech accelerates the road to a healthier and COVID-free nation.
Congratulations India.
Congratulations to our hardworking scientists and innovators.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2021
It is a proud moment of all of us that the two vaccine approved emergency use are #MadeInIndia. Hearty congratulations to Hon’ble Prime Minister Shri @narendramodi ji under whose leadership our scientists have achieved this in such short duration. https://t.co/ZNbGvqt7VM
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 3, 2021
क्या यह #vaccine सुरक्षित है ?
सुरक्षा और प्रभाव के data की जांच के आधार पर ही नियामक निकायों द्वारा vaccine को मंज़ूरी दी गई है।
और हां, कोरोना के लिए #vaccination स्वैच्छिक है।@PMOIndia @MoHFW_INDIA #Unite2FightCorona pic.twitter.com/LF3E9Nm4HT
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 3, 2021
प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘देश के नागरिकों के लिए गर्व की बात है कि जिन दोनों वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को अनुमति दी गई है उनका निर्माण भारत में ही हुआ है। यह दिखाता है कि आत्मनिर्भर भारत बनाने की मुहिम में हमारे देश के वैज्ञानिक कितनी मेहनत कर रहे हैं।’
We heartily thank our scientists, doctors, medical staff, security personnel and all Corona warriors who dedicatedly served humanity during these testing times.
Nation will always remain grateful to them for their selfless service towards mankind.
— Amit Shah (@AmitShah) January 3, 2021
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डा. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा- कोविड-19 वैक्सीनों के आपातकालीन इस्तेमाल को स्वीकृति देने के भारत के निर्णय का विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वागत करता है।
सीरम इंस्टिट्यूट आफ इंडिया, पुणे के सीईओ अदार पूनावाला ने भी ट्वीट किया- ‘सभी को नया साल मुबारक हो। कोविशील्ड, भारत के पहले कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। सुरक्षित और प्रभावी यह वैक्सीन आने वाले हफ्तों में रोल-आउट के लिए तैयार है।
क्या है खास कोविशिल्ड और कोवैक्सीन में
भारत के लिए कई कारणों से ये दोनों वैक्सीन दूसरे वैक्सीनों के मुकाबले बेहतर हैं।
भारतीय तापमान के हिसाब से ये दोनों वैक्सीन सुविधाजनक हैं। कोविशिल्ड और कोवैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के तापमान पर रखा और दूसरी जगह ले जाया जा सकता है।
WHO welcomes India’s decision giving emergency use authorization to #COVID-19 #vaccines –
Dr Poonam Khetrapal Singh, Regional Director,
WHO South-East Asia Region pic.twitter.com/jyQGI6Gymp— WHO South-East Asia (@WHOSEARO) January 3, 2021
कोविशिल्ड सरकार को महज 225 रुपये लेकर 250 रुपये में मिलने और केमिस्ट की दुकान पर 500 रुपये से लेकर 700 रुपये में बेचे जाने की संभावना है। वहीं कोवैक्सीन की कीमत तो 100 रुपये से भी कम बताई जा रही है।
भारत बायोटैक कंपनी के प्रबंध निदेशक ने दावा किया है कि कोवैक्सीन की कीमत पानी की बोतल से भी कम रहने वाली है। कोवैक्सीन बनाने से लेकर क्लिनिकल ट्राइल तक में भारत बायोटैक 400 करोड़ का निवेश कर चुकी है।