क्या कहा बिड़ला ने
उन्होंने कहा- मुझे इस कारोबार में ‘उम्मीद’ नजर आती है। बता दें कि कर्ज के बोझ से दबी वोडाफोन आइडिया के बोर्ड में बिड़ला गैर-स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किए गए हैं। बिड़ला ने कहा-मुझे लगता है कि हम कंपनी में फिर से उम्मीद देख रहे हैं। एक प्रवर्तक के रूप में मैंने सोचा कि यह सही है कि मैं कारोबार को आगे ले जाने की अपनी इच्छा का भी संकेत दूं। यही वजह है कि मैंने निदेशक मंडल में फिर आने का फैसला किया।
बिड़ला ने कहा कि सरकार रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दूरसंचार क्षेत्र में तीन कंपनियों के बने रहने बारे में काफी मजबूत है और उद्योग को प्रोत्साहन दे रही है। सरकार हाल ही में बकाया राशि को परिवर्तित करके वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि कंपनी की प्रतिद्वंद्वी कंपनियां भारती एयरटेल और रिलायंस जियो अच्छा कर रही हैं।
आदित्य बिड़ला समूह की कमान
बिड़ला ने यह भी बताया कि उनके परिवार का ही एक सदस्य 60 अरब डॉलर के आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन के रूप में उनका स्थान लेगा। हालांकि, बिड़ला ने नाम पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने यह जरूर कहा कि बेटे आर्यमन और बेटी अनन्या कुछ साल पहले कारोबार में शामिल होने के बाद से अब भी सीख रहे हैं।(एएमएपी)