अमेरिकी एक्यूआई मानकों के अनुसार जो भारत की तुलना में अधिक कठोर हे
29 जनवरी को, IQAir रैंकिंग में मुंबई 10वें स्थान पर था। यह बाद के दिनों में नीचे खिसकने से पहले 2 फरवरी को टॉप पर आ गया और फिर 8 फरवरी को फिर से दूसरे स्थान पर चढ़ गया। 13 फरवरी को, यह वायु गुणवत्ता के लिए दुनिया भर में तीसरा सबसे अनहेल्दी शहर था, यहां तक कि इस शहर ने प्रदूषण के मामले में दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया जो हाल तक भारत का सबसे प्रदूषित शहर माना जाता था।
बता दें कि IQAir यूएनईपी और ग्रीनपीस के साथ पार्टनरशिप करता है और वायु गुणवत्ता का आकलन करने के लिए भारत में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डेटा (सीपीसीबी) का उपयोग करता है। प्रदूषण के मामले में शहरों को ‘स्वस्थ’, अस्वस्थ’ और ‘खतरनाक’ ग्रुप में बांटता है। यह अमेरिकी वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मानकों के अनुसार है, जो भारत की तुलना में अधिक कठोर हैं।
दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहर
रैंक शहर और देश
1- लाहौर (पाकिस्तान)
2- मुंबई (भारत)
3- काबुल (अफगानिस्तान)
4- काऊशुंग (ताइवान)
5- बिश्केक (किर्गिस्तान)
6- अकरा (घाना)
7- क्राको (पोलैंड)
8- दोहा (कतर)
9- अस्ताना (कजाकिस्तान)
10- सैंटियागो (चिली)
सीपीसीबी के आंकड़ों क्या कहते हैं जानें
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर-जनवरी में मुंबई में पिछली तीन सर्दियों की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा खराब दिन थे। विशेषज्ञों का कहना है कि गिरावट मुख्य रूप से वाहनों, सड़कों और निर्माण गतिविधियों से लगातार निकलने वाली धूल और धुएं के कारण है।
मुंबई में सांस की बीमारियों में वृद्धि
शहर में अब सांस की बीमारियों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार दो दशक पहले, कभी-कभी फेफड़ों पर काले धब्बे दिखाई देते थे। आज, वह कहते हैं कि यह खतरनाक रूप से सामान्य है। हार्ट की सर्जरी के दौरान, नियमित रूप से वायु प्रदूषण से प्रभावित फेफड़े देखे जाते हैं। धूम्रपान न करने वालों में भी अक्सर काले फेफड़े या धब्बे वाले फेफड़े मिल रहे हैं।
निर्माण की धूल मुंबई की हवा में 71% से अधिक
NEERI और IIT-B के 2020 के एक अध्ययन के अनुसार, सड़क या निर्माण की धूल मुंबई की हवा में 71% से अधिक पार्टिकुलेट मैटर लोड का सोर्स है। शेष औद्योगिक और बिजली इकाइयों, हवाई अड्डे और कचरे के ढेर से आता है। (एएमएपी)