अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्री।
मोबाइल, इंटरनेट और डिजिटलाइजेशन से मीडिया के स्वरूप में परिवर्तन आया है। इस बदलते दौर में ‘फैक्ट’ और ‘फेक’ के बीच लक्ष्मण रेखा खींचने की जरूरत है। आधुनिक तकनीक के द्वारा जनता से सीधा संवाद किया जा सकता है। मीडिया को तकनीक का इस्तेमाल देश की एकता और अखंडता तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए करना चाहिए।
बदल गए संचार के मायने
कोरोना के दौर में संचार के मायने बदल गए हैं। लोगों तक सूचनाएं पहुंचाने के नए तरीके सामने आए हैं। आज वैश्विक मीडिया परिदृश्य बदल रहा है और जब आप पढ़ाई पूरी करके मीडिया इंडस्ट्री में पहुंचेंगे, तब तक ये और भी ज्यादा परिवर्तित हो चुका होगा। भविष्य के पत्रकार के तौर पर आने वाले समय में आप जो भी कहेंगे या लिखेंगे, वो लोगों को किसी भी मुद्दे पर अपनी राय बनाने में मदद करेगा। इसलिए आपको बहुत सोच समझकर कहने और लिखने की आदत डालनी होगी।
तकनीक हर क्षेत्र में
आज तकनीक हर क्षेत्र में पहुंच गई है। कोविड ने हमारी हर योजना को प्रभावित किया है। लेकिन इस दौर में हमारे सामने नई शुरुआत करने का अवसर है। चीजों को नए तरीके से देखने और समझने का अवसर है। आज पूरे विश्व को ऐसे लोगों की आवश्यकता है, जो दुनिया में रचनात्मक परिवर्तन ला सकें।
सूचना के प्रयोग से सही निर्णय ले सकता है आम आदमी
सरकार का ये मानना है कि सही सूचना के प्रयोग से आम आदमी किसी भी विषय पर सही निर्णय ले सकता है। इसलिए मीडिया और सोशल मीडिया के बदलते समय में सरकार मानव केंद्रित संचार व्यवस्था पर काम रही है, जिससे सूचना तुरंत आम आदमी तक पहुंचाई जा सके। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय वर्तमान एवं भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी कर रहा है।
अंतिम व्यक्ति तक जानकारी
सरकार की योजना समाज के अंतिम व्यक्ति तक जानकारी पहुंचाने की है और स्थानीय और क्षेत्रीय मीडिया की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है।
(भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के सत्रारंभ समारोह के समापन अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा मीडिया के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए दिए गए उद्बोधन के अंश)