विधायक बनकर झारखंड की राजनीति करने वाले झारखंड के कई विधायकों की आकांक्षा अब लोकसभा जाने के लिए हिलोरे मार रही हैं। इसमें से कुछे ने अपनी पार्टी का टिकट पाकर सेंट्रल विस्टा की ओर एक कदम बढ़ा भी दिया है। यह भी नोटिस करने वाली बात है कि राष्ट्रीय राजनीति में हिस्सेदारी निभाने की चाहत राज्य के क्षेत्रीय दलों के विधायकों से ज्यादा इच्छा राष्ट्रीय दलों से ताल्लुक रखने वाले विधायकों में देखी जा रही है. हालांकि, कई विधायकों को उनकी पार्टी ने टिकट दे दिया है, तो कुछ ने पाला बदल कर टिकट हासिल किया है। कुछ नेता अभी टिकट पाने के लिए इंतजार में हैं।राज्य की 14 लोकसभा सीटों में भाजपा ने अपने हिस्से के 13 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। भाजपा के टिकट पर वर्तमान विधानसभा के तीन सदस्य लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से दो भाजपा के विधायक हैं जबकि एक झामुमो छोड़ कर भाजपा ज्वाइन की है। कांग्रेस ने तीन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। इसमें एक प्रत्याशी वर्तमान में विधायक हैं। इसके अलावा फिलहाल दो से तीन और विधायक के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना जतायी जा रही है। इंडिया गठबंधन से अब तक 14 में से तीन सीट पर ही प्रत्याशी की घोषणा हुई। जिन सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है, उनमें कोडरमा, पश्चिमी सिंहभूम और गोड्डा से वर्तमान विधानसभा के सदस्यों के चुनाव लड़ने की संभावना जतायी जा रही है।

हजारीबाग लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने वर्तमान विधायक को मैदान में उतारा है। भाजपा से विधायक मनीष जायसवाल और कांग्रेस से जेपी पटेल चुनाव लड़ रहे हैं। दुमका से सीता सोरेन और धनबाद से विधायक ढुलु महतो भाजपा से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इंडिया गठबंधन ने जिन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, उनमें से कोडरमा से माले विधायक विनोद सिंह, पश्चिमी सिंहभूम से झामुमो के विधायक दशरथ गगरई के चुनाव लड़ने की संभावना है। इसके अलावा गोड्डा से भी कांग्रेस के विधायक चुनाव लड़ने की तैयारी में है। वर्तमान विधायकों के साथ अब तक दो पूर्व विधायकों को भी लोकसभा चुनाव का टिकट मिला है। कांग्रेस ने लोहरदगा से सुखदेव भगत को चुनाव में उतारा है। सुखदेव भगत पूर्व में विधायक रहे हैं। राजमहल से भाजपा प्रत्याशी ताला मरांडी भी पूर्व विधायक हैं।

ये विधायक बन चुके हैं सांसद

राज्य में लोकसभा चुनाव में सांसद बनने वाले नेता, जो पहले विधायक रह चुके हैं, उनमें खूंटी से सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, कोडरमा सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, पश्चिमी सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा, गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, धनबाद के सांसद पीएन सिंह, लोहरदगा विधायक सुदर्शन भगत, विद्युत वरण महतो आदि विधायक के नाम शामिल हैं। इनमें से भाजपा ने धनबाद और लोहरदगा में इस चुनाव में अपना प्रत्याशी बदल दिया है।

कई विधायकों की उम्मीदें टूटीं

भाजपा से इस वर्ष लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले जिन माननीयों की हसरतें पूरी नहीं हो सकी उसमें पांकी से विधायक शशिभूषण मेहता, धनबाद से भाजपा विधायक राज सिन्हा और पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही का नाम हैं। ये लोकसभा चुनाव लड़कर दिल्ली जाना चाहते थे लेकिन टिकट न देकर पार्टी ने दिल्ली की उनकी चाह पर विराम लगा दिया है।

इंडिया गठबंधन में कई विधायक लोकसभा टिकट पाने की रेस में

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने तीन लोकसभा क्षेत्र हजारीबाग, लोहरदगा और खूंटी के लिए उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है। इसमें भाजपा से कांग्रेस में आये मांडू विधायक जेपी पटेल को हजारीबाग से टिकट मिल भी गया है। बाकी जिन जिन विधायकों ने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है उसमें गोड्डा लोकसभा के लिए कांग्रेसी विधायक दीपिका पांडे सिंह और प्रदीप यादव के नाम आगे हैं।

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इसी तरह गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनने की इच्छा पूर्व मंत्री और टुंडी से झामुमो विधायक मथुरा महतो की रही है। इस बार कोडरमा लोकसभा सीट माले के खाते में जाने की संभावना को देखते हुए विधायक विनोद सिंह भी कोडरमा से लोकसभा के लिए किस्मत आजमाना चाहते हैं। बिशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा, लोहरदगा से उम्मीदवारी के लिए अभी तक अड़े हुए हैं, तो सिंहभूम सीट से उम्मीदवार बनने की इच्छा झामुमो के विधायक दशरथ गगराई, सुखराम उरांव और जोबा मांझी की रही हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन की ओर से लोकसभा उम्मीदवारों का फाइनल लिस्ट आने के बाद ही यह तय हो पायेगा कि लोकसभा चुनाव जीत कर सेंट्रल विस्टा की ओर कदम बढ़ाने का मौका किन-किन माननीयों को मिलता है और किसे अभी दिल्ली की राजनीति के लिए इंतजार करना पड़ता है। (एएमएपी)