हमारे वेद-शास्त्रों से ज्ञात होता है कि समाज में महिला का स्थान सम्मानजनक है। उल्लेख मिलता है कि जहाँ महिलाओं का सम्मान होता है वहाँ देवता वास करते हैं। इसे दृष्टिगत रखकर मध्यप्रदेश सरकार ने महिला सम्मान की दिशा में आगे बढ़ते हुए कोई कोर – कसर नहीं छोड़ी है। वहीं सुरक्षा के लिए भी सरकार वचनबद्ध है। प्रसंगवश बता दें कि शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद पर कार्य करते रहने के दौरान समय-समय पर ऐसी योजनायें, कार्यक्रम बनाये जाते हैं, जिनमें महिला सम्मान और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गयी हो।

महिला सशक्तिकरण

मध्यप्रदेश में कई ऐसी योजनायें क्रियान्वित हैं जिनके माध्यम से महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे कदम उठाये जा रहे हैं। अभी हाल ही में 17 सितम्बर को प्रदेश की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। योजना के दूरगामी परिणाम मिलना सुनिश्चित है। योजना का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं को मिले इसका पूरा ध्यान रखा गया है। योजना का लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो तय किये गए नियमों के दायरे में आयेंगीं ।

कारगार योजनायें

यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगी। यह पहला अवसर नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में पिछले दो दशक के दौरान महिलाओं को उड़ान भरने के लिये पूरा आसमान मिला है। यह संभव हुआ है प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिहं चौहान की संवेदनशील सोच के चलते । लाड़ली बहना योजना के पहले भी मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिये ऐसी कारगार योजनायें और अभिनव कार्यक्रम आरम्भ हुये थे जिनके मिले सुखद और आश्चर्यजनक परिणामों ने पूरे देश का ध्यान मध्यप्रदेश की तरफ आकर्षित किया है। यही तो विकास का शंखनाद है, स्वर्णिम मध्यप्रदेश का सपना पूरा होने का संकेत है। महिला सशक्तिकरण विकास की बुनियाद होता है। इसे मानकर मध्यप्रदेश सरकार विभिन्न योजनायें और कार्यक्रम चला रही है।

महत्‍वपूर्ण निर्णय

सरकार की लाड़ली लक्ष्मी योजना देश भर में लोकप्रिय हुयी थी। इसकी सफलता के बाद लाड़ली बहना योजना, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं, कन्यादान आदि के अंतर्गत जो परिणाम मिले हैं उनको दृष्टिगत रखकर आगे भी निरंतर इस दिशा में प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसके सूत्रधार हैं। उनके ही प्रयासों का सुफल है कि खेल तथा पुलिस विभाग में लड़कियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। खेलों में प्रवेश लेने वाली ग्रामीण क्षेत्रों की युवतियाँ भी अधिक हैं। वहीं पुलिस विभाग में अब युवतियाँ भी बराबरी से हिस्सा लेकर जनसेवा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं। उन्हें समय – समय पर प्रोत्साहन दिया जाता है। हाल ही में मध्यप्रदेश में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

रोजगार

मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये पर्यटन विभाग 20 पर्यटन स्थलों पर 30 हजार बालिकायें और 10 हजार महिलाओं को आत्मरक्षा के लिये प्रशिक्षण देगा। कौशल उन्नयन के जारिये उन्हें पर्यटन सम्बंधी रोजगार से जोड़ा जायेगा। इसके अंतर्गत महिलाओं – बालिकाओं को मार्शल आर्ट, लाठी चलाना और आदिवासी क्षेत्रों में गोफन चलाना सिखाया जायेगा। प्रायः अक्सर ही सुनने में आता है कि पर्यटन स्थलों पर असामाजिक तत्वों से पर्यटक विशेषतः महिलायें एवं युवतियाँ भयभीत रहते हैं। कई बार तो विदेशी पर्यटकों के साथ भी बदसलूकी की जाती है। इन घटनाओं को रोकने के लिए ही ऐसे कदम उठाये जा रहे हैं। अभी तक 3000 बालिकाओं, महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गयी है। प्रदेश के शिवपुरी में 15 महिलायें बतौर फारेस्ट गाईड तथा ओरछा में 10 महिलायें ई – रिक्शा के जरिये रोजगार हासिल कर चुकी हैं। इस तरह रोजगार की उपलब्धता के साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी यह काम बेहद कारगार साबित हो रहा है।

महिला सुरक्षा

महिला सुरक्षा को लेकर लाड़ली बहना सेना का गठन भी किया गया है। इसमें महिलाओं की सहभागिता पर आश्चर्यजनक बढ़ौत्तरी हो रही है। एक आंकड़े के मुताबिक मध्यप्रदेश के 60 हजार 203 गांवों और नगरीय वार्डो में लाड़ली बहना सेना का निर्माण किया जा चुका है। अब तक आठ लाख बहनें सेना में शामिल हों चुकीं हैं। यह प्रदेश का सौभाग्य है कि सरकार महिला सशक्तिकरण, बालिका प्रोत्साहन तथा सुरक्षा पर अत्यधिक व्यय कर रही है। इसका ज्वलंत प्रमाण है 2022 से 2023 का जेंडर बजट, जो कि कुल बजट का 32.7 प्रतिशत है। प्रदेश में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिये लागू की गयी प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, सुमन हेल्प डेस्क, जननी सुरक्षा योजना और आर्ट डिलीवरी सेंटर्स काम कर रहीं हैं।

किशोरमय बालिकाओं की मानसिक और भविष्य निर्धारण सम्बंधी समस्याओं के समाधान के लिये उमंग हेल्पलाइन का सफल संचालन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में महिलाओं के सम्मान में कहीं कोई कोर – कसर न रह जाये इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मातृ शक्ति के बीच बड़े भाई और मामा की छवि बना चुके शिवराज सिंह चौहान आरम्भ से ही स्त्रीत्व के सम्मान, सुरक्षा और उनके सामाजिक – आर्थिक विकास के लिये प्रतिबद्व रहे हैं। समय की सीढियाँ चढ़ते हुए वे इस दिशा में लगातार चिंतन – मनन करने के साथ अपनी सोच और विचार को धरातल पर उतारते रहे हैं।

हम इस बात को दावे के साथ कह सकते हैं, बतौर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने डेढ़ दशक से अधिक लम्बे कार्यकाल के दौरान बेटियों की दुनिया में मुस्कान बिखेरी है। धर्म में अपार आस्था तथा बुजुर्ग से गले लगकर उनमें खो जाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्त्रीत्व के सम्मान और सुरक्षा की चिंता करते हैं। यह मध्यप्रदेश के लोगों के लिये गौरव की बात है कि उन्हें शिवराज सिंह के रूप में एक संवेदनशील मुख्यमंत्री मिला है।(एएमएपी)