स्पेशल दिनों में भारी भीड़
महाकाल मंदिर में वैसे तो रोजाना भक्तों का तांता लगा रहता है। इस दौरान कई वीवीआईपी सहित फिल्म स्टार, सामाजिक और राजनीती से सम्बंधित लोग दर्शन को पहुंचते हैं। लेकिन विशेष दिनों जैसे महाशिवरात्रि, सावन माह, नाग पंचमी,15 अगस्त समेत अन्य पर्वों पर भक्तों की संख्या 3 से 5 लाख तक पहुंच जाती है। हलांकि शनिवार से सोमवार तक डेढ़ लाख से ज्यादा भीड़ ज्यादा रहती है। इस बार महाशिवरात्रि पर 10 लाख से अधिक भक्तों के पहुंचने का अनुमान है।
दान से आय और खर्च
श्री महाकालेश्वर मंदिर में आए करोड़ों रुपयों के दान से मंदिर के कई प्रकल्प चलते हैं। मंदिर की व्यवस्था, धर्मशाला, अन्न क्षेत्र, महाकालेश्वर वैदिक शोध संस्था, गोशाला, पर्व पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम, महाकाल मंदिर विस्तारीकरण समेत मंदिर की सुरक्षा पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च होता है।मंदिर को दान के साथ लड्डू प्रसादी समेत शीघ्र दर्शन से प्रति व्यक्ति 250 रुपए, भस्म आरती दर्शन में 201 रुपए प्रति व्यक्ति मिलता है। 1 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2024 तक 51 करोड़ 24 लाख रुपए की आय लड्डू प्रसादी से हुई है। हालांकि, इसे बनाने में इतना ही खर्च भी होता है।
दो माह में 30 करोड़ से ज्यादा आय
दिसंबर 2023 -जनवरी 2024 दो महीनों में 30 करोड़ 40 लाख से ज्यादा मिले। नया साल, क्रिसमस और अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पर महाकाल मंदिर में कई आयोजन किए गए। इस दौरान 9 करोड़ 80 लाख 89 हजार की लड्डू प्रसादी बिकी।
सावन माह में सबसे ज्यादा आय
सावन भादव माह में अधिक मास होने से दो महीने तक मंदिर में आयोजन हुए। आमतौर पर हर साल महाकाल की 6 सवारियां निकाली जाती हैं, लेकिन इस बार 10 सवारी निकाली गईं। इस कारण यहां रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने में सबसे ज्यादा 49 करोड़ 58 लाख 42 हजार रुपए की आय हुई। इनमें से अगस्त महीने में सबसे ज्यादा 18 करोड़ 30 लाख 45 हजार रुपए, जुलाई में 15 करोड़ 78 लाख 67 हजार रुपए और सितंबर में 15 करोड़ 49 लाख 29 हजार रुपए मिले।
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श्रद्धालुओं में लगातार वृद्धि
मंदिर समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी के अनुसार महाकाल महालोक बनने के बाद मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं में लगातार वृद्धि हो रही है। 1 जनवरी 2024 से लेकर 10 फरवरी 2024 तक यह आंकड़ा करीब 1 करोड़ 20 लाख से अधिक पहुंच गया। पिछले आठ महीने में 3 करोड़ 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। हालांकि पिछले 10 महीनों में 130 करोड़ रुपये की आय हुई है और 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे है। (एएमएपी)