कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चर्चिल ने यह तक कह दिया था कि अगर ब्रिटिश भारत से चले जाएंगे, तो यहां न्यायपालिका, स्वास्थ्य सेवाएं, रेलवे और उनकी तरफ से शुरू किए हुए काम पूरी तरह तबाह हो जाएंगे। सिस्टम तबाह हो जाएगा। उन्होंने हमें बहुत कम आंका। हमने लोकतंत्र को बरकरार रख उन लोगों को गलत साबित कर दिया। हमने इसे मजबूत किया और सुरक्षित रखा। आप पूछते हैं कि आमने 70 सालों में क्या किया? हमने 70 सालों में ये किया।’
मणिपुर मुद्दा उठाया
उन्होंने सदन में फिर मणिपुर मुद्दा उठाया। खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद के बाहर भाषण देने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि नियम 267 के तहत कई बार बहस हुई है। खास बात है कि मॉनसून सत्र के दौरान भी विपक्ष लगातार पीएम मोदी के सदन में आकर मणिपुर मुद्दे पर बयान देने की मांग कर रहा था। हाल ही में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पत्र के जरिए मणिपुर मुद्दा उठाया था।
कांग्रेस ने पंडित नेहरू के योगदान गिनाए
लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के कामों का जिक्र किया। उन्होंने सदन में संसदीय लोकतंत्र स्थापित करने के लिए नेहरू के योगदान को याद किया। उन्होंने याद किया कि कैसे जब नेहरू अपने बोलने की समय सीमा पार कर लेते थे, तो स्पीकर बेल बजा देते थे।(एएमएपी)