आपका अखबार ब्यूरो।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अभी पांच महीने दूर है लेकिन चुनावी बिसात अभी से बिछ गई है। केंद्र और राज्य सरकार में ठन गई है। तो तृणमूल कांग्रेस की अंदरूनी बगावत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 19 दिसम्बर को दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुंच रहे हैं।
भाजपा महामंत्री कैलाश विजय वर्गीय कह रहे हैं कि राष्ट्रपति शासन के बिना राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव हो ही नहीं सकते। तो ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को चुनौती दी है कि उसमें हिम्मत हो तो राष्ट्रपति शासन लगाकर दिखाए। भाजपा का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को चुनाव आयोग से मिला और राज्य में आचार संहिता लगाने की मांग की।
ममता के रवैए से केन्द्र की नाराजगी बढ़ी
इस बीच केंद्र सरकार द्वारा तलब किए गए राज्य के दोनों अधिकारियों को दिल्ली भेजने से ममता सरकार ने इनकार कर दिया। इसके अलावा भारतीय पुलिस सेवा के जिन तीन अधिकारियों को दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर आने का आदेश दिया गया था उन्हें भी भेजने से राज्य सरकार ने मना कर दिया है। तीनों अधिकारी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। जबकि संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक ऐसे मामले में केंद्र और राज्य में मतभेद होने पर केंद्र का ही आदेश प्रभावी होगा। ममता सरकार के इस रवैए से केंद्र सरकार की नाराजगी और बढ़ी है।
भाजपा के और करीब आए सुवेन्दु
ममता बनर्जी के दाहिने हाथ रहे सुवेन्दु अधिकारी भाजपा के एक और कदम करीब आ गए हैं। उन्होंने 27 नवम्बर को ममता मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उसके पहले उन्होंने राज्य सरकार से मिली जेड प्लस सुरक्षा भी लौटा दी। सुवेन्दु ममता के साथ तृणमूल की स्थापना के समय से हैं। पार्टी को सत्ता में लाने के बाद ममता के बाद उनका सबसे बड़ा योगदान रहा है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी की सिफारिश पर केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सुवेन्दु अधिकारी को जेड श्रेणी की सुरक्षा दे दी है। माना जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह के दो दिन के राज्य के दौरे के समय सुवेन्दु भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
86 विधानसभा सीटों पर मजबूत पकड़
ऐसा माना जाता है कि सुवेन्दु राज्य के पुरुलिया, मुर्शीदाबाद, मालदा, पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, पूर्वी मेदिनीपुर बांकुरा और विष्णुपुर की 86 विधानसभा सीटों पर मजबूत पकड़ रखते हैं। तृणमूल से आए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय का कहना है कि यदि सुवेन्दु भाजपा में आ जाते हैं तो ममता सरकार विधानसभा चुनाव से पहले ही गिर सकती है। पार्टी में ममता और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की कार्यशैली से नाराज होने वाले नेताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी का नेतृत्व स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। इसलिए जैसे जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं ममता की परेशानी बढ़ती जा रही है।