लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर निकल पड़े हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही इस यात्रा में पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं होगी। यात्रा के 27 जनवरी को पश्चिम बंगाल पहुंचने का कार्यक्रम है। बंगाल में यह यात्रा पांच दिनों तक चलेगी लेकिन इसमें इंडी गठबंधन के हिस्से के रूप में तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं होगी।

सीट शेयरिंग को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं

तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि फिलहाल कांग्रेस के साथ किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि गठबंधन पर फैसला नहीं हो पाया है। कांग्रेस सीट शेयरिंग को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है। जब तक सीट शेयरिंग का फार्मूला साफ नहीं होगा तब तक इसमें शामिल नहीं हुआ जाएगा। दरअसल भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गठबंधन में शामिल दलों के प्रमुखों को पत्र लिखकर अपील की है। ऐसा ही पत्र मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी लिखा गया है।

यह है वजह

सूत्रों ने बताया कि बंगाल में मालदा दक्षिण और बहरमपुर की दो सीटें छोड़ कर तृणमूल राज्य की बाकी 40 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। कांग्रेस को केवल दो सीटें मंजूर नहीं हैं जिसे लेकर दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन पा रही है। ऐसा दावा है कि कांग्रेस को बंगाल में केवल दो सीटें ऑफर की गई हैं जिन पर 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने जीत दर्ज की थी।

कांग्रेस के लिए खोई हुई जमीन तलाशने की कोशिश में राहुल

ग्यारह दिन में पूर्वोत्तर के पांच राज्यों की यात्रा कर राहुल गांधी कांग्रेस के लिए खोई हुई जमीन तलाशने की कोशिश करेंगे। क्योंकि, कभी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले पूर्वोत्तर में अब कांग्रेस की कोई सरकार नहीं है। लोकसभा में भी पूर्वोत्तर राज्यों की 25 सीटों में से पार्टी के पास सिर्फ चार सीटें है, जबकि वर्ष 2019 में भाजपा ने 15 सीट पर जीत दर्ज की थी। इसलिए, जीत की दहलीज तक पहुंचने के लिए पार्टी हर सीट को अहमियत दे रही है। पार्टी का मानना है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा से चुनाव का माहौल बनाने में मदद मिलेगी। (एएमएपी)