आपका अखबार ब्यूरो।
क्या पश्चिम बंगाल राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है? शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा के काफिले पर हुए हमले के सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिल्ली तलब किया है। ममता बनर्जी की सरकार ने कहा है कि वे इन दोनों अफसरों को दिल्ली नहीं भेजेंगी। इन दोनों अफसरों को राज्यपाल जगदीप धनखड़ की रिपोर्ट के बाद तलब किया गया है।
राजनीति उबाल पर
पश्चिम बंगाल की राजनीति उबाल पर है। शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर राज्य में हमला हुआ। नड्डा और पार्टी के दूसरे नेता डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के कार्यक्रम में जा रहे थे। भाजपा अध्यक्ष गुरुवार से राज्य के दो दिन के दौरे पर थे। नड्डा की कार पर पथराव हुआ पर वे इसलिए बच गए कि उनकी कार बुलेट प्रूफ थी। पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजय वर्गीय और उपाध्यक्ष मुकुल राय की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए गए। दोनों नेताओं को चोट लगी। उनकी गाड़ी पर लाठी डंडों से भी हमला हुआ। भाजपा कार्यकर्ताओं को मोटरसाइकिल से उतार कर पीटा गया। छह कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
राज्यपाल ने मुख्य सचिव को आगाह किया था
बात सिर्फ इतनी नहीं है कि भाजपा नेताओं पर इस तरह जानलेवा हमला हुआ। इस घटना की गंभीरता इस बात से बढ़ जाती है कि हमला इस बात के बावजूद हुआ कि सूबे के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्य सचिव को इसकी आशंका से आगाह कर दिया था। राज्यपाल ने घटना से चार घंटे पहले ही मुख्य सचिव को फोन करके आशंका जाहिर की थी कि नेताओं के काफिले पर हमला हो सकता है। मुख्य सचिव ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे पुलिस महानिदेशक को इससे अवगत करा रहे हैं। फिर भी हमला हुआ और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
बौखलाई हुई हैं ममता
हमले के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उलटा आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने खुद ही अपने ऊपर हमला करवाया। दरअसल ममता बनर्जी नड्डा के दौरे से बोखलाई हुई हैं। क्योंकि नड्डा ने उनके घर में घुसकर चुनौती दी है। गुरुवार को वे भवानीपुर गए। भवानीपुर ममता बनर्जी का विधानसभा क्षेत्र है। शुक्रवार को वे डायमंड हार्बर गए जो ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी का संसदीय क्षेत्र है। यह बात ममता को बर्दाश्त नहीं हुई।
I urge Chief Minister @MamataOfficial to engage in deep reflection and apologetically withdraw this video comment that outrages essence and sublimity of Bengal’s rich culture. pic.twitter.com/HL8dcyBqaa
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) December 10, 2020
बिगड़ सकता है मामला
CS @MamataOfficial & DGP @WBPolice called on me today at 6 PM. Unfortunately neither came with any update on pending issues or regarding attack on convoy of BJP President JP Nadda.
Their continued non responsive stance signals failure of constitutional machinery in the State. pic.twitter.com/0Fyo3qFzXk
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) December 10, 2020
घटना के बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को चेतावनी दी कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। उसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृहमंत्रालय को भेज दी है। रिपोर्ट में क्या है यह तो पता नहीं लेकिन उसके बाद राज्य को दोनों बड़े अधिकारियों को 14 दिसम्बर में दिल्ली में पेश होने को कहा गया है। अपने बयान के मुताबिक यदि ममता दोनों अधिकारियों को दिल्ली नहीं भेजतीं तो मामला और बिगड़ सकता है। इससे पहले भी वे कोलकाता के तत्कालीन आयुक्त को केंद्रीय एजेंसियों की गिरफ्तारी से बचाने के लिए अधिकारी के साथ ही धरने पर बैठ गई थीं। उस समय कोलकाता पुलिस ने राज्य में सीबीआई के मुख्यालय को घेर लिया था।
ममता का यह अड़ियल रुख कायम रहा तो केंद्र को राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। राज्य में अगले कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में चुनावों के निष्पक्ष और शांतिपूर्ण होने पर संदेह है।