आपका अखबार ब्यूरो।
देश के किसानों की आर्थिक मदद के लिए शुरू की गई केंद्र की किसान सम्मान निधि योजना के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी घिर गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को किसानों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने ममता पर आरोप लगाया कि उनकी हठधर्मी की वजह से राज्य के किसानों को यह राशि नहीं मिल रही है। ममता के पास इस आरोप का कोई जवाब नहीं है।
केवल बंगाल में योजना लागू नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश के सभी राज्यों में किसान सम्मान निधि योजना लागू है। बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने इस योजना को लागू नहीं किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ममता सरकार के इस रवैए के कारण राज्य के सत्तर लाख किसान परिवार इस लाभ से वंचित हैं। केंद्र सरकार ने दिसम्बर, 2019 में यह योजना शुरू की थी। इसके तहत करीब दस करोड़ किसान परिवारों को साल में तीन बार दो दो हजार रुपए मिलते हैं।
हम देश के अन्नदाता को उन्नत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जब किसानों की उन्नति होगी, तो पूरे राष्ट्र की उन्नति तय है।
मेरा आग्रह है- किसान किसी के बहकावे में न आएं, किसी के झूठ को न स्वीकारें। #PMKisan pic.twitter.com/AoaDjUMIxD
— Narendra Modi (@narendramodi) December 25, 2020
लाभार्थी किसानों की सूची नहीं भेजी ममता ने
इस योजना में शामिल होने के लिए राज्यों को लाभार्थी किसानों की सूची और उनका बैंक खाता संख्या केंद्र सरकार को भेजना था। केंद्र अपनी ओर से लाभार्थियों की कोई सूची नहीं बनाता। वह राज्यों द्वारा भेजी गई सूची के आधार पर ही राशि का वितरण करता है। ममता सरकार ने आज तक यह सूची नहीं भेजी। जिसकी वजह से बंगाल के किसान इस योजना का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। केंद्र सरकार यह राशि लाभार्थी किसानों के खाते में सीधे भेजती है। इसमें किसी बिचौलिए की कोई भूमिका नहीं है। ममता सरकार की जिद है कि केंद्र सरकार यह राशि राज्य सरकार को दे और राज्य सरकार फिर जिसे देना होगा देगी।
पूरा सच क्या है?
इस मुद्दे पर ममता सरकार और उनकी पार्टी तरह तरह की बातें कर रही है पर सवाल का सीधा जवाब नहीं दे रही कि वह राज्य के सत्तर लाख किसानों को इस योजना के लाभ से वंचित क्यों कर रही है। इसके जवाब में ममता कभी देश के संघीय ढ़ांचे का मुद्दा उठाती हैं तो कभी कहती हैं कि केंद्र सरकार ने जीएसटी का बकाया सरकार को नहीं दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री के आरोप के बाद कहा कि वे आधा सच बोल रहे हैं। पर यह नहीं बताया कि पूरा सच क्या है।
अन्याय पर ‘किसान हितैषी’ भी चुप
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को किसानों से बातचीत में वाम दलों को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि जो किसानों का हितैषी होने का दावा करते हैं उन्होंने पश्चिम बंगाल में किसानों के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ कभी आवाज नहीं उठाई। उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी वह उनसे राजनीतिक लड़ाई लड़ना चाहता है तो खुलकर सामने आए। पर किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चलाना बंद करे।
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