सीपीएम है रास्ते का कांटा, कभी माफ नहीं करने की खाई ममता ने कसम
ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में 40 सीटें भी नहीं जीतेगी.#MamtaBanerjee #Congress #TMC #RahulGandhi #INDIAlliance https://t.co/KNXAz1kkdC
— ABP News (@ABPNews) February 2, 2024
उल्लेखनीय है कि ममता ने पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन से खुद को अलग कर लिया था। पार्टी का कहना था कि सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस की तरफ से अड़ियल रुख अपनाए जाने की वजह से यह गठबंधन टूटा है। हालांकि, जनता के बीच पहुंचकर मुख्यमंत्री ने इस गठबंधन के टूटने के पीछे की वजह कुछ और ही बताई हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि अगर कांग्रेस पार्टी उनकी शर्तों को मान लेती हैं तो अब भी गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
दरअसल, पश्चिम बंगाल का राजनीतिक समीकरण थोड़ा पेचीदा है। यहां मुख्य रूप से मैदान में चार पार्टियां हैं। इनमें से तीन पार्टियां वाम दल, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी सैद्धांतिक रूप से भाजपा के खिलाफ हैं। वह किसी भी कीमत पर मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में भाजपा के साथ नहीं जाएंगी। लेकिन, दूसरी तरफ भाजपा का विरोध करने का यह कतई मतलब नहीं है कि तीनों विरोधी दल एक साथ हैं। राज्य में वाम दलों की सरकार के खिलाफ लंबा संघर्ष कर तृणमूल सत्ता में आई थी। इस संघर्ष में सबसे ज्यादा आहत खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हुई थीं। उन्होंने अकेले दम पर यह पूरा संघर्ष किया था। उन्होंने वाम दलों के करीब तीन दशक के शासन का अंत किया था।
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मालदा जिले की यात्रा पर पहुंची ममता बनर्जी ने कहा कि वह सीपीएम को कभी माफ नहीं कर सकतीं। सीपीएम ने उन पर हमला किया था। उनको बहुत प्रताड़ित किया गया था। वह इस उत्पीड़न और प्रताड़ना को कभी भूल नहीं सकती हैं। सीएम ममता ने कहा कि ऐसे में वह वाम दलों के साथ रहने वाले लोगों के साथ कैसे जा सकती हैं। हालांकि, ममता ने यह भी कहा कि मैंने कांग्रेस से कह दिया था कि आप अपनी दो सीटों पर चुनाव लड़ो, मैं कुछ नहीं बोलूंगी। लेकिन, गठबंधन के लिए आपको वाम दलों से नाता तोड़ना होगा।
कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना पर उन्होंने कहा कि पहले उनको सीपीएम का साथ छोड़ना होगा। कांग्रेस को पहले अपने सहयोगियों का सम्मान करना सीखना होगा। सीपीएम ने जो अत्याचार किया था उसको वह कभी नहीं भूलेंगी। गौरतलब है कि 2000 के दशक के आसपास के वर्षों में कई दफा वाम दलों की सरकार के खिलाफ आंदोलन करने को लेकर ममता बनर्जी पर हमले हुए। उन्हें फिजिकली प्रताड़ित किया तथा पुलिस ने उन पर लाठियां भांजी थी।(एएमएपी)