अधीर का टीएमसी पर हमला जारी
बेंगलुरु में आयोजित दूसरी बैठक में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच नजदीकियां देखने को मिली थी। दोनों दलों ने मिलकर इस नए गठबंधन का नाम INDIA रखा था। इसके ठीक 10 दिनों के बाद ही पश्चिम बंगाल में कटु संबंध फिर से सबके सामने आ गए। अधीर रंज चौधरी ने कहा, ”ममता 2011 में कांग्रेस की मदद से सत्ता में आई थीं। तब उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया था। बंगाल की जनता का अब ममता बनर्जी से मोहभंग हो गया है। इसलिए, उन्हें लगा कि अब उन्हें कांग्रेस से हाथ मिला लेना चाहिए। तृणमूल को अब कांग्रेस की सख्त जरूरत है। चौधरी ने आगे कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने पूरे देश को एकजुट किया। राहुल गांधी का नेतृत्व समग्र रूप से भारत में बदलाव का स्पष्ट संकेत है। टीएमसी को एहसास हुआ कि अगर वे राहुल गांधी की राजनीति से नहीं जुड़ेंगी तो पार्टी टूट जाएगी।

टीएमसी ने भी किया पलटवार
टीएमसी नेता शांतनु सेन ने पलटवार करते हुए कहा कि गठबंधन को ध्यान में रखते हुए टीएमसी बदले में कांग्रेस पर हमला नहीं करने वाली है। उन्होंने कहा, ”टीएमसी 180 से अधिक सीटों के साथ पश्चिम बंगाल में सत्ता में आई। वह संख्या बढ़ी ही है, लेकिन 2011 में कांग्रेस शून्य हो गई। गठबंधन को ध्यान में रखते हुए हम कांग्रेस पर हमला नहीं कर रहे हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम कमजोर हैं। हम पश्चिम बंगाल में भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए काफी शक्तिशाली हैं। हमें किसी की मदद की जरूरत नहीं है।”
टीएमसी की वार्षिक शहीद दिवस रैली के दिन ममता और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस के बारे में बोलने से परहेज किया। उन्होंने सीपीआई (एम) और भाजपा पर हमला किया। अपने भाषण में ममता ने कहा कि हमें सत्ता या पद की परवाह नहीं है। हम अपने देश की शांति की परवाह करते हैं।
भाजपा का तंज
कांग्रेस और टीएमसी की स्थिति पर कटाक्ष करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ”जो लोग टीएमसी सरकार के खिलाफ लड़ना चाहते हैं, वे आगे आएं और भाजपा के साथ इस लड़ाई में शामिल हो जाएं। या फिर एक ऐसा मंच बनाएं जहां आप खड़े होकर अत्याचारी राज्य सरकार के खिलाफ लड़ सकें। यदि आप गठबंधन की बैठक में शामिल हुए नेताओं की तस्वीरें देखकर इस राज्य सरकार के खिलाफ लड़ना चाहते हैं, तो पश्चिम बंगाल के लोग आप पर विश्वास नहीं करेंगे। ये है दिल्ली में दोस्ती और बंगाल में कुश्ती।”(एएमएपी)



