सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में हुई हिंसा के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने राज्य में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार से पूछा है कि प्रदेश की पूजा और प्रार्थना से जुड़ी जगहों को सुरक्षित बचाने के लिए सरकार ने क्या कार्रवाई की? अदालत ने कहा कि सरकार इस संबंध में उस समिति को विस्तार से जानकारी दे, जिसका गठन खुद सुप्रीम कोर्ट ने किया था। बता दें कि मणिपुर में पूजा स्थलों पर सामान्य स्थिति बहाल करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है।
[Manipur Violence matter before #SupremeCourt]
ASG Bhati: Please keep it on reopening. Herculean tasks are being carried out…the committee is also overseeing.
CJI: We will keep it on the reopening.#SupremeCourt #Manipur #SupremeCourtOfIndia pic.twitter.com/ubOrRHlB7J
— Live Law (@LiveLawIndia) December 15, 2023
धार्मिक संरचनाओं की पहचान कर उनकी सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए
शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा, राज्य सरकार ने जनजातीय हिंसा और मैतेई-कुकी संघर्ष के दौरान क्षतिग्रस्त हुई धार्मिक संरचनाओं की पहचान कर उनकी सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट ने कहा, सरकार इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त समिति को सूचनाएं दे। धार्मिक जगहों की सुरक्षा के लिए सरकार दो सप्ताह के भीतर पैनल को एक व्यापक सूची सौंपेगी। बता दें कि मई में हुए जातीय संघर्ष में 170 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
सार्वजनिक पूजा स्थलों को दोबारा सामान्य स्थिति में बहाल करने को कहा-
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली जिस पीठ में सुनवाई हो रही है, उसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि पूजा और प्रार्थना के लिए संरचनाओं की पहचान करने के दौरान सभी धार्मिक संप्रदायों को शामिल किया जाएगा। अदालत ने कहा, समिति एक व्यापक प्रस्ताव तैयार करेगी। इसमें मई के बाद से हुई हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त या नष्ट हुए सार्वजनिक पूजा स्थलों को दोबारा सामान्य स्थिति में बहाल करने के संबंध में सरकार की भावी रणनीति का विवरण भी शामिल होगा।
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गौरतलब है कि अदालत ने हाईकोर्ट की महिला जजों को मिलाकर एक समिति का गठन किया था। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) गीता मित्तल समिति की अध्यक्षता कर रही हैं। इसमें न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) शालिनी पी जोशी और आशा मेनन भी शामिल हैं। बता दें कि शीर्ष अदालत मणिपुर से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इनमें सरकार की तरफ से राहत और पुनर्वास के उपायों के अलावा अदालत की निगरानी में हिंसा के मामलों की जांच की मांग वाली याचिका भी शामिल है। (एएमएपी)