राजीव रंजन
यह सवाल समय समय पर उठता रहता है कि अन्य धर्मों की तरह हिन्दु उपासना स्थलों के प्रबंधन का अधिकार भी भक्तों को दिया जाए। सरकारी नियंत्रण में मंदिरों की उचित देखभाल नहीं हो पाती, जिसके कारण हजारों मंदिर बहुत बुरी हालत में पहुंच चुके हैं। प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने राज्य में विधानसभा चुनाव के समय इस मुद्दे को काफी जोर-शोर से उठाना शुरू किया है। उनके इस अभियान को काफी समर्थन भी मिल रहा है।
#Ishafoundation के संस्थापक और प्रकृति तथा संस्कृति के मुद्दे पर बेहद सक्रिय रहने वाले विश्वविख्यात आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव काफी समय से तमिलनाडु के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की मुहिम चला रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने बुधवार को #FreeTNTemples हैशटैग के साथ लगातार 100 ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, ‘यह अभियान गहरी वेदना से पैदा हुआ है। आज मैं 100 ट्वीट कर रहा हूं, किसी को डराने के लिए नहीं, बल्कि गहरी वेदना से बाहर निकलने के लिए। व्यथित समुदाय की पीड़ा को अवश्य सुना जाना चाहिए।’
Thousands of devotees from all over Tamil Nadu are gathering today at eleven different temple locations to express their anguish and pain at the state of their temples in silent support. #FreeTNTemples pic.twitter.com/lQsYCAHqOA
— Isha Foundation (@ishafoundation) March 26, 2021
ईस्ट इंडिया कंपनी की नीति अब भी जारी
दरअसल, सद्गुरु की इस पीड़ा का कारण है तमिलनाडु में सरकार की उपेक्षा के कारण मंदिरों की दुर्दशा। उनका मानना है कि अगर मंदिरों का प्रबंधन भक्तों को दे दिया जाए, तो मंदिरों की दुर्दशा से बचा जा सकेगा। उनका ठीक से संरक्षण हो सकेगा। मंदिर केवल आस्था के ही केन्द्र ही नहीं हैं, बल्कि भारतीय स्थापत्य कला के भी उत्कृष्ट उदाहरण हैं। उनके नष्ट होते जाने से भारतीय कला व संस्कृति को भी गहरा नुकसान होगा। उनका संरक्षण इसलिए भी जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देख सकें, उनके बारे में जान सकें। सद्गुरु का कहना है कि हिन्दु मंदिरों पर कब्जे की ईस्ट इंडिया कंपनी की नीति आजादी के 74 वर्ष बाद भी जारी है।
An ancient temple built by the Kongu Cholas, was meant go through renovation, but instead ended up being bulldozed out of existence! If we have to preserve these ancient structures, we must #FreeTNTemples.
Show Your Support give A Missed Call 83000 83000 https://t.co/edQ8gugpbh pic.twitter.com/3J3TOW2Fip
— Isha Foundation (@ishafoundation) March 25, 2021
अभियान को मिला जानी-मानी हस्तियों का समर्थन
सद्गुरु के इस अभियान को सोशल मीडिया और नामी-गिरामी हस्तियों का काफी समर्थन मिल रहा है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता अभिनेत्री कंगना रनोट और रवीना टंडन, अभिनेत्री मौनी रॉय, श्री दिव्या, पद्मश्री किरण मजुमदार शॉ, मोहनदास पई के अलावा कई बड़े नेताओं, पत्रकारों ने सद्गुरु की इस मुहिम का समर्थन किया है। #FreeTNTemples और #100TweetsForTemples ट्विटर पर पूरे दिन भर ट्रेंड होता रहा।
Dear @poornimathreya, this is one of the several thousands of Tamil temples which is in an abject state of decay. Before this land of devotion surrenders to apathy & negligence, let’s stand up to #FreeTNTemples. –Sg@CMOTamilNadu @mkstalin @sonalkalra https://t.co/pD2crZc8bt
— Sadhguru (@SadhguruJV) March 24, 2021
सद्गुरु ने ऋषिकुमार नाम के व्यक्ति द्वारा पोस्ट किए गए एक जर्जर मंदिर के वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा था, ‘यह एक मंदिर था। उपासना और रूपांतरण का यह स्थान अब शराबियों और आवारागर्दों के लिए भी सुरक्षित नहीं है। तमिलनाडु के मंदिरों को मुक्त करने का समय आ गया है।’ उनके इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए प्रसिद्ध क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने लिखा, जिन मंदिरों का इतना महत्त्व था, उन्हें इस हाल में देखना बहुत दुखद है और हजारों सालों के इतिहास को इस तरह उपेक्षित किया जा रहा है। अब यह बहुत जरूरी हो गया है कि इसे ठीक किया जाए और एक उचित प्रक्रिया के माध्यम से मंदिरों का प्रबंधन हर जगह भक्तों को सौंप दिया जाए। उन्होंने कहा, ‘मैं इस जरूरी मुद्दे पर सद्गुरु के साथ हूं।’
मिस्ड कॉल के जरिये समर्थन जुटाने की कोशिश
सद्गुरु ने इस मुद्दे पर लोगों का समर्थन जुटाने और लोगों को जागरूक करने के लिए ईशा फाउंडेशन की वेबसाइट https://isha.sadhguru.org/en/free-tamilnadu-temples पर भी एक विशेष अभियान शुरू किया है। इसमें बताया गया है कि पिछले 25 सालों में 1,200 से अधिक प्राचीन मूर्तियों की चोरी हो चुकी है। सद्गुरु ने एक हेल्पलाइन नंबर- 83000 83000 भी शुरू किया है। इस नंबर पर मिस्ड कॉल देकर मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के अभियान को अपना समर्थन दे सकते हैं।
क्या सोशल मीडिया पर अभियान चलाने से, मिस्ड कॉल देने से मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो जाएंगे? इस सवाल पर सद्गुरु का कहना है कि सिर्फ इसी से मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त नहीं होंगे, लेकिन इससे इस मुद्दे पर लोगों के समर्थन के बारे में पता चलेगा, लोगों में एकजुटता आएगी। इस अभियान का असर भी देखने को मिलने लगा है। मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में मंदिरों की संपत्तियों की खराब देखभाल के लिए ‘हिन्दू रिलीजियस एंड चैरिटेबल एंडोमेंट’ (एचआर&सीई) विभाग की कड़ी आलोचना की है। न्यायालय ने एचआर&सीई को स्पेशल कोर्ट स्थापित करने और मंदिरों का एक्सटर्नल ऑडिट कराने का आदेश दिया है। सद्गुरु ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है, ‘यह (हिन्दू) समुदाय के लिए शर्म की बात है कि इन मामलों में कोर्ट को दखल देना पड़ रहा है।’
तमिलनाडु में चुनावी सरगर्मी के बीच मंदिरों को सरकारी चंगुल से मुक्त कराने का अभियान छेड़ा सद्गुरु ने