2025 तक किया जाना है रिटायर
फिलहाल एयरफोर्स में मिग-21 की 3 स्क्वाड्रन हैं। हर स्क्वाड्रन में 16 से 18 एयरक्राफ्ट होते हैं। इस हिसाब से लगभग 50 मिग-21 सर्विस में हैं। इन्हें 2025 तक रिटायर किया जाना है। सिंगल इंजन वाला ये सुपरसोनिक फाइटर जेट पिछले 16 महीने में 7 बार क्रैश हो चुका है, जिसमें एयरफोर्स के पांच होनहार पायलट्स की जान जा चुकी है।
मिग को कहा जाता है उड़ता ताबूत
रूस में बना मिग-21 विमान पहली बार 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ था। तब से आज तक एयरफोर्स को 872 विमान मिले जिसमें से करीब 500 विमान क्रैश हो चुके हैं। इन हादसों में 200 से ज्यादा पायलट्स और 56 आम लोगों को जान गंवानी पड़ी। यही वहज है कि इसे उड़ता ताबूत और विडो मेकर के नाम से पुकारा जाता है।
अभी भी सेवा में क्यों है मिग-21
1990 के दशक के मध्य में रिटायर होने के बावजूद इसे बार-बार अपग्रेड किया जाता रहा है। अक्टूबर 2014 में वायुसेना प्रमुख ने कहा था कि पुराने विमानों को सेवा से हटाने में देरी से भारत की सुरक्षा को खतरा है क्योंकि बेड़े के कुछ हिस्से पुराने हो चुके हैं। दरअसल, नए लड़ाकू विमानों को शामिल करने में देरी हो रही है। यही कारण है कि मिग 21 अपनी सेवानिवृत्ति की बाद भी भारतीय वायु सेना को अपनी सेवा दे रहा है।(एएमएपी)