संचार मंत्रालय के अंतर्गत दूरसंचार विभाग ने जनवरी 2024 तक भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप्स और एदूरसंचार विभाग का अगले वर्ष जनवरी तक स्टार्ट-अप और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को देश में ही निर्मित 5जी टेस्ट बेड निशुल्क उपलब्ध कराने का प्रस्ताव सामने आया है।
ये भी कर सकते हैं बहुत मामूली दर पर इस सुविधा का उपयोग
दरअसल, एसएमई को 5जी टेस्ट बेड सुविधा के मुफ्त उपयोग की पेशकश की है। 5जी के सभी हितधारक यानी उद्योग, शिक्षा, सेवा प्रदाता, अनुसंधान एवं विकास संस्थान, सरकारी निकाय, उपकरण निर्माता आदि अब बहुत मामूली दर पर इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। टेस्ट बेड के उपयोग को प्रोत्साहित करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन के अनुरूप स्वदेशी प्रौद्योगिकियों अथवा उत्पादों के विकास को बढ़ावा देने के लिए इसकी घोषणा की जा रही है। कई स्टार्ट-अप और कंपनियां पहले ही अपने उत्पादों और सेवाओं के परीक्षण के लिए टेस्ट बेड सुविधा का उपयोग कर रही हैं।
इस परियोजना में सहयोग करने वाले ये हैं आठ संस्थान
संचार मंत्रालय की ओर से इस संबंध में कहा गया है कि मार्च, 2018 में भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए और 5जी लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दूरसंचार विभाग ने बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के लिए वित्तीय अनुदान को मंजूरी दी है ताकि 224 करोड़ रुपये की कुल लागत से भारत में ‘स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड’ स्थापित किया जा सके। इस परियोजना में सहयोग करने वाले आठ संस्थान हैं – आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) मद्रास, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, आईआईएससी बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (समीर) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (सीईडब्ल्यूआईटी)।
5जी टेस्ट बेड इन पांच स्थानों पर उपलब्ध
बतादें कि इस स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड को 17 मई 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया था। एक वेब आधारित पोर्टल ( https://user.cewit.org.in/
इन संस्थाओं का इस तरह से है इसमें योगदान
उल्लेखनीय है कि सीईडब्ल्यूआईटी, आईआईटी मद्रास आरएएन लेवल, पीएचवाई लेवल आदि और अन्य टेस्ट उपकरणों के लिए विभिन्न परीक्षण सेवाओं के साथ एंड टू एंड टेस्ट बेड प्रदान करता है। आईआईटी हैदराबाद में जीएनबी टेस्टिंग, यूई टेस्टिंग, एंड टू एंड इंटरऑपरेबिलिटी टेस्टिंग और एनबी-आईओटी टेस्टिंग की सुविधाएं हैं। जहां आईआईएससी बैंगलोर वी2एक्स और 5जी ओपन-सोर्स टेस्ट बेड की मेजबानी करता है, वहीं आईआईटी कानपुर बेस-बैंड टेस्ट बेड की मेजबानी करता है और आईआईटी दिल्ली एनबी-आईओटी और वीएलसी टेस्ट बेड की मेजबानी करता है। ये एंड-टू-एंड टेस्ट बेड वैश्विक स्तर के 3जीपीपी मानक और ओआरएएन मानक के अनुरूप है। स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड एक खुला 5जी टेस्ट बेड प्रदान करता है जो भारतीय शिक्षा जगत और उद्योग की आरएंडडी टीमों को उनके उत्पादों, प्रोटोटाइप, एल्गोरिदम को मान्य करने और विभिन्न सेवाओं को प्रदर्शित करने में सक्षम बनाता है।
इसके अलावा, ये भारत में और वैश्विक स्तर पर मानकीकरण की क्षमता रखने वाली नई अवधारणाओं, विचारों पर काम करने के लिए शोध टीमों को पूरी पहुंच प्रदान करता है। ये ग्रामीण ब्रॉडबैंड, स्मार्ट सिटी एप्लीकेशंस और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आईटीएस) जैसे भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण एप्लीकेशंस, यूज़ केस में प्रयोग और प्रदर्शन करने के लिए 5जी नेटवर्क की सुविधाएं प्रदान करता है और ये भारतीय ऑपरेटरों को 5जी तकनीकों के काम करने के तरीके को समझने और उनके भविष्य के नेटवर्कों की योजना बनाने में मदद करेगा।
स्वदेशी टेस्ट बेड का विकास भारत के 5जी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का अहम कदम
इस स्वदेशी टेस्ट बेड का विकास भारत के 5जी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने और अब 5जी आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर होने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ये टेस्ट बेड भारतीय स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई, आरएंडडी, एकेडेमिया और उद्योग के उपयोगकर्ताओं द्वारा विकसित और निर्मित किए जा रहे 5जी उत्पादों के परीक्षण और सत्यापन के लिए स्वदेशी क्षमता प्रदान कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप भारी लागत दक्षता आई है और डिजाइन में लगने वाला समय कम हो गया है जिसके कारण भारतीय 5जी उत्पादों के वैश्विक स्तर पर बाजार में प्रतिस्पर्धी बनने की संभावना है।
इस टेस्ट बेड के विकास के नतीजतन कई 5जी प्रौद्योगिकियों, आईपी का विकास हुआ है जो कि इस उद्योग की कंपनियों को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए उपलब्ध हैं। ये भारत में 5जी की सुचारू और त्वरित तैनाती के लिए इस उद्योग की कंपनियों को सुविधा प्रदान करेगा।(एएमएपी)