भारतीय प्रधानमंत्री ने किया ब्रिक्स के विस्तार का पूर्ण समर्थन।
अफ्रीकी राष्ट्रपति ने चंद्रयान-3 के लिए दी भारत को शुभकामनाएं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित ब्रिक्स देशों के 15वें शिखर सम्मेलन में महात्मा गांधी को याद किया। शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि बापू ने एकता व सद्भाव की मजबूत नींव रखी। इस दौरान ब्रिक्स के मंच से अफ्रीकी राष्ट्रपति ने चंद्रयान-3 के लिए भारत को शुभकामनाएं दी।ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के संगठन ब्रिक्स का 15वां शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका में चल रहा है। सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स को भविष्य की तैयारी के लिए हमें अपने संबंधित समाजों को भी भविष्य के लिए तैयार करना होगा। प्रौद्योगिकी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों में ब्रिक्स ने एक लंबी और शानदार यात्रा तय की है। इस यात्रा में हमने कई उपलब्धियां हासिल कीं।

उन्होंने कहा कि जोहान्सबर्ग जैसे खूबसूरत शहर में एक बार फिर आना उनके लिए खुशी की बात है। इस शहर का भारतीयों और भारतीय इतिहास से गहरा और पुराना रिश्ता है। यहां से कुछ दूरी पर टॉल्स्टॉय फार्म स्थित है, जिसका महात्मा गांधी ने 110 वर्ष पूर्व निर्माण करवाया था। महात्मा गांधी ने भारत, यूरेशिया और अफ्रीका के महान विचारों को जोड़ कर हमारी एकता और सद्भाव की मजबूत नींव रखी। उन्होंने कहा कि भारत ब्रिक्स के विस्तार का पूरा समर्थन करता है। हम इस पर आम सहमति के साथ आगे बढ़ने का स्वागत करते हैं।

औद्योगिक सहयोग पर मिल कर काम

पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन सतत विकास के लिए औद्योगिक सहयोग पर ब्रिक्स ढांचे को संयुक्त रूप से स्थापित करने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करेगा। उन्होंने कहा कि हमें शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग का विस्तार करना चाहिए। शीत युद्ध की मानसिकता अभी भी हमारी दुनिया को परेशान कर रही है और भू-राजनीतिक स्थिति तनावपूर्ण होती जा रही है। ब्रिक्स देशों को शांतिपूर्ण विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना चाहिए। जिनपिंग ने कहा कि हमें ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक, राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य तंत्रों पर उच्च प्रतिनिधियों की बैठक का अच्छा उपयोग करने की आवश्यकता है। इसके अलावा ब्रिक्स के सदस्य देशों को अपने मूल हितों में एक-दूसरे का समर्थन करने और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर समन्वय बढ़ाने की जरूरत है। जिनपिंग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के आधार पर सभी देशों द्वारा संयुक्त रूप से लिखा और बरकरार रखा जाना चाहिए। यह सबसे मजबूत या सबसे ऊंची आवाज वाले लोगों के हाथ में नहीं होना चाहिए। ब्रिक्स देशों को सच्चा बहुपक्षवाद अपनाना चाहिए, एकजुटता पर कायम रहना चाहिए और विभाजन का विरोध करना चाहिए।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बोले पुतिन

ब्रिक्स के सदस्य देश रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिखर सम्मेलन के खुले पूर्ण सत्र में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि अगले साल रूस ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालेगा। हमारी अध्यक्षता में वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना हमारे आदर्श होंगे। हमारी योजना लगभग 200 राजनीतिक, आर्थिक और सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन अक्तूबर 2024 में कजान शहर में होने वाला है।

वैश्विक दक्षिण के हितों को आगे बढ़ाएं

दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि ब्रिक्स देशों को वैश्विक दक्षिण के हितों को आगे बढ़ाने की जरूरत है और औद्योगिक देशों से आर्थिक प्रगति विकसित करके जलवायु कार्यों का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने का आह्वान करना चाहिए। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि ब्रिक्स देश बातचीत, मध्यस्थता और वार्ता के माध्यम से इस संघर्ष को समाप्त करने में समर्थन देना जारी रखेंगे। सिरिल रामाफोसा ने कहा कि वे भारत को बधाई देना चाहते हैं, खासकर जब आप अंतरिक्ष में सहयोग की आवश्यकता के बारे में बोलते हैं, तो कुछ ही घंटों में भारत का अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 चंद्रमा पर उतरेगा। हम आपको शुभकामनाएं देते हैं। ब्रिक्स परिवार के रूप में यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है और हम आपके साथ खुश हैं। हम इस महान उपलब्धि की खुशी में आपके साथ हैं।

जमीन से उठाकर जेब में रखा तिरंगा

शिखर सम्मेलन की स्मृतियों को सहेजने के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक साथ फोटो खिंचाई। इस ग्रुप फोटो के दौरान खड़े होने की स्थिति को दर्शाने के लिए जमीन पर सभी देशों के राष्ट्रीय ध्वज रखे थे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जमीन पर भारतीय तिरंगे को देखा और यह सुनिश्चित किया कि वे उस पर कदम न रखें। उन्होंने इसे उठाया और अपनी जेब में रख लिया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी का अनुसरण करते हुए दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा ने भी ऐसा ही किया।(एएमएपी)