आपका अख़बार ब्यूरो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बताते हैं- “कोरोना की शुरुआत में देश में केवल एक ही टेस्टिंग लैब थी, लेकिन आज ढाई हजार से ज्यादा लैब काम कर रही हैं। शुरू में कुछ सौ टेस्ट एक दिन में हो पाते थे, अब 20 लाख से ज्यादा टेस्ट एक दिन में होने लगे हैं। अब तक देश में 33 करोड़ से ज्यादा सैंपल की जाँच की जा चुकी है। ये इतना बड़ा काम इन साथियों की वजह से ही संभव हो रहा है। कितने ही फ्रंटलाइन वर्कर्स, सैंपल कलेक्शन के काम में लगे हुए हैं। संक्रमित मरीजों के बीच जाना, उनका सैंपल लेना, ये कितनी सेवा का काम है। अपने बचाव के लिए इन साथियों को इतनी गर्मी में भी लगातार पीपीई किट पहन के ही रहना पड़ता है। इसके बाद ये सैंपल लैब में पहुँचता है। इनके अनुभवों से हमें भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा। तो आइये दिल्ली में एक लैब टेक्नीशियन के तौर पर काम करने वाले हमारे साथी प्रकाश कांडपाल जी से बात करते हैं।”
कभी जब हमारे घरवाले भी आशंकित होते हैं
मोदी– प्रकाश जी नमस्कार।
प्रकाश– नमस्कार आदरणीय प्रधानमंत्री जी।
मोदी– प्रकाश जी, सबसे पहले तो आप ‘मन की बात’के हमारे सभी श्रोताओं को अपने बारे में बताइये। आप कितने समय से ये काम कर रहे हैं और कोरोना के समय आप का क्या अनुभव रहा है क्योंकि देश के लोगों को इस प्रकार से न टीवी पर दिखते हैं, न अखबार में दिखते हैं। फिर भी एक ऋषि की तरह लैब में रह करके काम कर रहे हैं। तो मैं चाहूँगा कि आप जब बताएंगे तो देशवासियों को भी जानकारी मिलेंगी कि देश में काम कैसे हो रहा है?
प्रकाश– मैं दिल्ली सरकार के स्वायत्त संस्थान ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज’ नाम के हॉस्पिटल में पिछले 10 वर्षों से लैब टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत हूँ। मेरा स्वास्थ्य-क्षेत्र का अनुभव 22 वर्षों का है। आईएलबीएस से पहले भी मैं दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल, राजीव गाँधी कैंसर हॉस्पिटल, रोटरी ब्लड बैंक जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम कर चुका हूँ। सर, यद्यपि सभी जगह मैंने रक्त-कोष विभाग में अपनी सेवाएं दी परन्तु पिछले वर्ष 1 अप्रैल, 2020 से मैं आईएलबीएस के वायरोलोजी डिपार्टमेंट के अधिरत कोविड टेस्टिंग लैब में कार्य कर रहा हूँ। नि:संदेह, कोविड महामारी में स्वास्थ एवं स्वास्थ्य संबंधित सभी साधन-संसाधनों पर अत्यधिक दबाव पड़ा, पर मैं इस संघर्ष के दौर को निजी तौर पर इसमें ऐसा अवसर मानता हूँ जब राष्ट्र, मानवता, समाज हमसे अधिक उत्तरदायित्व, सहयोग, हमसे अधिक सामर्थ्य और हमसे अधिक क्षमता के प्रदर्शन की अपेक्षा करता है और आशा करता है। और सर, जब हम राष्ट्र के, मानवता के, समाज के अपेक्षा के और आशा के अनुरूप अपने स्तर पर जो कि एक बूंद के बराबर है, हम उसपे काम करते हैं, खरा उतरते है तो एक गौरव की अनुभूति होती है। कभी जब हमारे घरवाले भी आशंकित होते हैं या थोड़ा उन्हें भय लगता है तो ऐसे अवसर पर उनको स्मरण कराता हूँ कि हमारे देश के जवान जो कि सदैव ही परिवार से दूर सीमाओं पर विषम और असामान्य परिस्थितियों में देश की रक्षा कर रहे हैं उनकी तुलना में तो हमारा जोखिम जो है कम है, बहुत कम है। तो वो भी इस चीज को समझते हैं और मेरे साथ में एक तरह से वो भी सहयोग करते हैं और वो भी इस आपदा में समान रूप से जो भी सहयोग है उसमें अपनी सहभागिता निभाते हैं।
सरकार कह रही- दूरी रखो… आपको कोरोना जीवाणुओं के बीच रहना पड़ रहा
मोदी– प्रकाश जी एक तरफ सरकार सबको कह रही है कि दूरी रखो- दूरी रखो, कोरोना में एक-दूसरे से दूर रहो। और आपको तो सामने से हो करके, कोरोना के जीवाणुओं के बीच में रहना ही पड़ता है, सामने से जाना पड़ता है। ये अपने आप में एक जिंदगी को संकट में डालने वाला मामला रहता है तो परिवार को चिंता होना बहुत स्वाभाविक है। लेकिन फिर भी ये लैब टेक्नीशियन का काम सामान्य संजोगों में एक है। और ऐसी पेंडेमिक स्थिति में दूसरा है और वो आप कर रहे हैं। तो काम के घंटे भी बहुत बढ़ गए होंगें? रात-रात लैब में निकालना पड़ता होगा? क्योंकि इतना करोड़ों लोगों का टेस्टिंग हो रहा है तो बोझ भी बढ़ा होगा? लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए भी ये सावधानी रखते हैं कि नहीं रखते हैं?
प्रकाश– बिल्कुल रखते है सर। हमारे आईएलबीएस की जो लैब है , वो डब्लयूएचओ से मान्यता-प्राप्त है। तो जो सारे प्रोटोकॉल हैं वो इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड के हैं, हम त्रि-स्तरीय, जो हमारी पोशाक है उसमे हम जाते हैं लैब में, और उसी में हम काम करते हैं। और उसका पूरा डिस्कार्डिंग का, लेबलिंग का और उनको टेस्टिंग का एक पूरा प्रोटोकॉल है तो उस प्रोटोकॉल के तहत काम करते हैं। तो सर ये भी ईश्वर की कृपा है कि मेरा परिवार और मेरे जानने वाले अधिकतर अभी तक इस संक्रमण से बचे हुए हैं। एक चीज है कि, अगर आप सावधानी रखते हैं और संयम बरतते हैं तो आप थोड़ा बहुत उससे बचे रह सकते हैं।
हजारों-लाखों लोगों का सेवाभाव
मोदी– प्रकाश जी, आप जैसे हजारों लोग पिछले एक साल से लैब में बैठे हैं और इतनी ज़हमत कर रहे हैं। इतने लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं। जो देश आज जान रहा है। लेकिन प्रकाश जी मैं आपके माध्यम से आपकी बिरादरी के सभी साथियों को हृदयपूर्वक धन्यवाद करता हूँ। देशवासियों की तरफ से धन्यवाद करता हूँ। आप स्वस्थ रहिये। आपका परिवार स्वस्थ रहे। मेरी बहुत शुभकामनाएं हैं।
प्रकाश– धन्यवाद प्रधानमंत्री जी। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ कि आपने मुझे ये अवसर प्रदान किया।
मोदी– धन्यवाद भईया।
साथियों, एक प्रकार से बात तो मैंने भाई प्रकाश जी से की है, लेकिन उनकी बातों में हजारों लैब टेक्नीशियन की सेवा की सुगंध हम तक पहुँच रही है। इन बातों में हजारों-लाखों लोगों का सेवाभाव तो दिखता ही है, हम सभी को अपनी ज़िम्मेदारी का बोध भी होता है। जितनी मेहनत और लगन से भाई प्रकाश जी जैसे हमारे साथी काम कर रहे हैं, उतनी ही निष्ठा से उनका सहयोग, कोरोना को हराने में बहुत मदद करेगा।