एफटीए वार्ता फिर शुरू करेंगे भारत, ब्रिटेन।
जी 10 शिखर सम्मेलन ब्राजील में हो रहा है। इसी दौरान सम्मेलन से इतर रियो डी जेनेरियो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष केअर स्टॉर्मर के साथ पहली बैठक में घोषणा की कि भारत ब्रिटेन के बेलफास्ट और मैनचेस्टर में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलेगा। साथ ही उन्होंने ब्रिटेन से भगोड़े भारतीय व्यापारियों के प्रत्यर्पण का आह्वान भी किया।
सोमवार देर रात को जी20 शिखर सम्मेलन से इतर हुई वार्ता के बाद स्टॉर्मर ने कहा कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ता नए साल में पुनः शुरू की जाएगी। उनकी यह टिप्पणी प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर उनकी लेबर पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के दृष्टिकोण के बारे में चिंता को दूर करने वाली प्रतीत हुई।
वहीं, भारतीय पक्ष ने भगोड़े भारतीय व्यापारियों विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर जोर दिया तथा मोदी ने ब्रिटेन में भारत के आर्थिक अपराधियों के मुद्दे के समाधान के महत्व को रेखांकित किया।
जुलाई में ऋषि सुनक के बाद स्टॉर्मर के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक थी।
भारत सरकार के बयान के अनुसार, महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते पर दोनों प्रधानमंत्रियों ने आशा व्यक्त की कि एक ‘‘संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभकारी और दूरदर्शी’’ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) को अंतिम रूप दिया जाएगा, जबकि शेष मुद्दों को आपसी सहमति से सुलझाया जाएगा।
ब्रिटिश सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री स्टॉर्मर ने घोषणा की है कि नए वर्ष में ब्रिटेन-भारत व्यापार वार्ता पुनः शुरू होगी।
द्विपक्षीय बैठक के बाद ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ (ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) द्वारा जारी एक बयान में स्टॉर्मर के हवाले से कहा गया, ‘‘भारत के साथ एक नया व्यापार समझौता ब्रिटेन में नौकरियों और समृद्धि को बढ़ावा देगा और हमारे देश में विकास और अवसर प्रदान करने के हमारे मिशन में एक कदम का और इजाफा करेगा।’’
प्रस्तावित एफटीए के लिए बातचीत जनवरी 2022 में शुरू हुई थी और दोनों पक्षों के बीच 14 दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि, कई विवादास्पद मुद्दों का समाधान अभी होना बाकी है।
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मोदी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष के साथ अपनी बैठक को ‘‘अत्यंत सार्थक’’ बताया और कहा कि ब्रिटेन के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी भारत की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले वर्षों में हम प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा, सुरक्षा, नवाचार और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने के इच्छुक हैं। हम व्यापार के साथ-साथ सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करना चाहते हैं।’’
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि स्टॉर्मर ने ब्रिटेन में भारत के दो नये महावाणिज्य दूतावास स्थापित करने की मोदी की घोषणा का स्वागत किया।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘बढ़ते द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के मद्देनजर दोनों पक्षों के बीच आगे की भागीदारी के लिए पर्याप्त अवसरों को पहचानते हुए और ब्रिटेन में भारतीय समुदाय की काउंसेलर स्तर की आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से पूरा करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के बेलफास्ट और मैनचेस्टर में भारत के दो नए महावाणिज्य दूतावासों की स्थापना की घोषणा की।’’
व्यापार समझौते पर मंत्रालय ने कहा कि मोदी और स्टॉर्मर ने शीघ्र एफटीए वार्ता को फिर से शुरू करने के महत्व को रेखांकित किया।
बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने वार्ता दलों की शेष मुद्दों को आपसी सहमति से सुलझाने की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया, जिससे एक संतुलित, पारस्परिक लाभकारी और दूरदर्शी मुक्त व्यापार समझौता हो सकेगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन में भारत के आर्थिक अपराधियों के मुद्दे के समाधान के महत्व पर ध्यान दिया।’’
मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने प्रवासन और दोनों देशों में लोगों की आवाजाही से संबंधित मुद्दों पर प्रगति करने की आवश्यकता पर भी सहमति व्यक्त की।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी और स्टॉर्मर ने अर्थव्यवस्था, व्यापार, नयी एवं उभरती प्रौद्योगिकियों, अनुसंधान एवं नवाचार, हरित वित्त और लोगों के बीच संपर्क पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
उन्होंने आपसी हित के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दे भी शामिल थे।
मार्च 2016 से ब्रिटेन में रह रहे और भारत प्रत्यर्पित किए जाने से बचने की कोशिश कर रहे विजय माल्या उनकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण चूक मामले में आरोपी हैं।
वहीं, भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी पिछले पांच साल से लंदन की जेल में बंद है। वह भारत में धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पण की अपनी लड़ाई हार चुका है।