सुरेंद्र किशोर ।
दो चमत्कारों के बाद सन 2016 में मदर टेरेसा को ‘संत’ की उपाधि दे दी गई।
मदर टेरेसा ने पश्चिम बंगाल की एक आदिवासी महिला को असाध्य रोग से मुक्ति दिला दी। यह था उनका पहला चमकार। माना गया कि ऐसा दैवीय शक्ति से हुआ जो शक्ति मदर टेरेसा के पास थी।
मदर टेरेसा की दैवीय शक्ति से ब्राजील के एक व्यक्ति के मस्तिष्क का कैंसर ठीक हो गया। यह था उनका दूसरा चमत्कार।
मदर के चमत्कारों को भी चुनौती दी थी क्या?
क्या अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति ने मदर टेरेसा के इन चमत्कारों को सार्वजनिक रूप से कभी चुनौती दी थी?
यदि दी होगी तो मुझे नहीं मालूम।
किंतु इन दिनों वह चर्चित समिति बामेश्वर धाम सरकार के पीठासीन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कारों को जोरदार चुनौती दे रही है।
टेरेसा पर चुप्पी और धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ इतना शोर!
खुद मैं नहीं जानता कि कोई चमत्कार होता भी है या नहीं… और यदि होता है तो क्या वैसी दैवीय शक्ति सिर्फ गैर हिन्दू संतों में ही पाई जाती है?
यदि वह शक्ति होती ही नहीं है तो मदर टेरेसा पर चुप्पी और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ इतना शोर क्यों?
(मैं तो बहुत अच्छा मानूंगा,यदि दैवीय चमत्कार होता होगा तो। मैं खुद ईश्वर से प्रार्थना करूंगा कि वे मेरे जीवन में भी कम से कम एक चमत्कार बरसाने की कृपा कर दें ताकि जीवन के आखिरी साल तनावमुक्त ढंग से कट जाए।)
दोहरा मापदंड
पहले से तो मैं यह जानता रहा था कि सिर्फ राजनीति में ही वोट के लिए दोहरा मापदंड अपनाया जाता है। पर, मैं धार्मिक क्षेत्र भी वही सब देख रहा हूं। यानी, यदि आप ‘सेक्युलर’ हैं तो सिर्फ बहुसंख्यक साम्प्रदायिकता की तीव्र आलोचना करेंगे और अल्पसंख्यक साम्प्रदायिकता को बढावा देंगे। यदि आप ‘गैर-सेक्युलर’ हैं तो सिर्फ अल्पसंख्यक साम्प्रदायिकता की आलोचना करेंगे और बहुसंख्यक साम्पद्रायिकता को संरक्षण देंगे। पर, अब तो यह भी देख रहा हूं कि धार्मिक क्षेत्रों में भी मदर टेरेसा बनाम धीरेंद्र शास्त्री विवाद है। यहां सांकेतिक तौर से ही दो नाम दिए गए हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। आलेख सोशल मीडिया से)
बागेश्वर धाम सरकार
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पीठाधीश्वर और बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख हैं, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गाँव में भगवान हनुमान को समर्पित एक हिंदू तीर्थ स्थल है। धाम में शास्त्री एक दिव्य दरबार का आयोजन करते हैं जहाँ ऐसा माना जाता है कि वह अपनी दैवीय शक्तियों से लोगों की सभी शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक पीड़ाओं को ठीक करते हैं जो उन्हें भगवान हनुमान से मिली थी। लल्लनटॉप के साथ एक साक्षात्कार में शास्त्री ने बताया कि वह अपने दादा और पिता के बाद धाम के प्रमुख के रूप में सेवा करने वाली तीसरी पीढ़ी हैं।
विवाद
शास्त्री उस समय सुर्खियों में आए जब नागपुर की अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने उन्हें चुनौती दी और उनकी आध्यात्मिक शक्तियों पर सवाल उठाया। मानव ने शास्त्री पर अंध विश्वास को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। जब मीडिया में विवाद शुरू हुआ, तो शास्त्री ने मानव को अपने दिव्य दरबार में आमंत्रित किया और वह जो भी जानना चाहते हैं उनसे पूछने के लिए कहा। इस पर उन्हें कई प्रमुख हिंदू नेताओं का भी समर्थन मिला। 22 जनवरी, 2023 को कई हिंदू संगठनों ने बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख पुजारी शास्त्री का समर्थन किया। 25 जनवरी, 2023 को नागपुर पुलिस ने धीरेंद्र शास्त्री को नागपुर में उनके सार्वजनिक कार्यक्रमों में अंधविश्वासी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में क्लीन चिट दे दी। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि शिकायत की जांच और ‘अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति’ के संस्थापक शिकायतकर्ता श्याम मानव द्वारा प्रस्तुत ‘सबूत’ की जांच के दौरान, ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया जो महाराष्ट्र अंधविश्वास कानून के तहत कार्रवाई को आकर्षित कर सके। (विकिपीडिया)