बड़ी संख्या में मंदिर में जुटे थे लोग
स्थानीय लोगों के मुताबिक श्रावण माह के हर सोमवार को शिव बावड़ी मंदिर में खीर का भंडारा लगता है। भारी बारिश के बीच सोमवार सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग मंदिर में जुट गए थे। कुछ पूजा कर रहे थे तो कुछ खीर पकाने में जुटे हुए थे। सिर पर मंडराते खतरे से बेखबर लोग भक्तिभाव में लीन थे। लगातार बारिश की वजह से मंदिर के ऊपर पहाड़ पर अचानक भूस्खलन हुआ। इसकी वजह से मंदिर पर अचानक पहाड़ का बड़ा हिस्सा आकर गिर पड़ा। मंदिर में मौजूद कुछ ही लोग जान बचाकर भाग बाए और बाकी मलबे में ही दब गए।
मंदिर में होते थे बड़े धार्मिक आयोजन
हादसे का शिकार हुआ शिव बावड़ी मंदिर शिमला का प्राचीन शिवालय है। यह उपनगर समरहिल से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर परिसर के समीप रिहायशी कॉलोनियां हैं। इस क्षेत्र में रहने वाले अधिकतर लोगों में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र शामिल हैं। मंदिर परिसर में तीन शिवलिंग, भगवान राम, कृष्ण, नारायण, दुर्गा माता की मूर्तियां हैं। इसके अलावा पुजारियों के रहने के लिए पांच कमरे हैं। यहां कई सालों से गढ़वाल के पुजारी पूजा-अर्चना कर रहे थे। मंदिर परिसर में हवन और बड़े धार्मिक आयोजन भी होते थे। इस मंदिर के पास बावड़ी होने की वजह से इस जगह का नाम शिब बावड़ी पड़ा। हाल के कुछ वर्षों में मंदिर कमेटी ने इस मंदिर को भव्य रूप दिया था।
मलबे में दबे लोगों को बचाने किए जा रहे हरसंभव प्रयास : सीएम सुक्खू
भूस्खलन से कई सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश में रविवार से भारी बारिश हो रही है। भूस्खलन होने से शिमला-चंडीगढ़ मार्ग समेत कई सड़कें बंद हो गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो सप्ताहों में बार-बार भूस्खलन होने के कारण शिमला तथा चंडीगढ़ को जोड़ने वाले शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग का एक प्रमुख हिस्सा प्रभावित हो गया है। उन्होंने बताया कि रविवार को सोलन में कोटी के समीप चक्की मोड़ पर सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में भारी वाहन फंस गए। छोटे वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग खोले जा रहे हैं। (एएमएपी)