केन्द्र सरकार ने ‘मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)’ को गैरकानूनी संगठन घोषित किया है। सरकार का कहना है कि यह संगठन गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी साझा की है। आरोप है कि इस पार्टी के सदस्य जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और वैसे आतंकी समूहों का समर्थन कर रहे थे, जो देश की अखंडता और सुरक्षा को खतरा पहुंचा रहे थे।

क्‍या बोले अमित शाह?

अमित शाह ने लिखा कि,  ‘मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)’/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘अवैध संघ’ घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।”

गृह मंत्री ने आगे कहा कि, “पीएम नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा.”

कौन हैं मसरत आलम?

साल 2019 से मसरत आलम भट्ट दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। आलम कश्मीरी कट्टरपंथी अलगाववादी समूह ऑल पार्टीज़ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) का अध्यक्ष हैं। इस पद पर उनकी नियुक्ति 2021 में हुई है। 50 वर्षीय आलम पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकी फंडिंग मामले में मामला दर्ज किया है।  2010 में कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था। सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के कारण वह लगातार गिरफ्तारी में हैं।

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27 एफआईआर और 36 बार पीएसए के तहत मामला दर्ज

मसरत आलम के खिलाफ 27 एफआईआर दर्ज हैं। उनके खिलाफ 36 बार पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है। मार्च 2015 में, मसरत आलम को रिहा कर दिया गया था, जिससे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के खिलाफ विरोध शुरू हो गया, जो उस समय भारतीय जनता पार्टी के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल थी। श्रीनगर में तब सैयद अली शाह गिलानी के स्वागत के लिए एक रैली हुई। जिसमें कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के बाद तत्कालीन मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार ने मसरत को ‘देशद्रोह’ और ‘राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने’ के आरोप में फिर से गिरफ्तार कर लिया था। (एएमएपी)