मनोहर कैबिनेट के पांच मंत्रियों ने फिर से ली शपथ

हरियाणा की राजनीति में मंगलवार को बड़ा खेला हो गया। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पूरे मंत्री परिषद के साथ सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद भाजपा ने विधायक दल की मीटिंग की और कुरूक्षेत्र से पार्टी के सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। अब सैनी हरियाणा के 15वें मुख्यमंत्री बन गए हैं। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार की शाम राजभवन में आयोजित एक समारोह में सैनी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। राज्यपाल ने सैनी के अलावा पांच विधायकों को भी कैबिनेट व राज्य मंत्री की शपथ दिलाई। 90 सीटों वाले हरियाणा में भाजपा के 41 विधायक हैं और 6 निर्दलियों का समर्थन भी उसे हासिल है। ऐसे में 47 विधायकों के साथ भाजपा ने फिर से सरकार बनाई है।

दरअसल, हरियाणा में सोमवार की रात शुरू हुई राजनीतिक उठापटक मंगलवार को नई सरकार के गठन के बाद समाप्त हुई। हरियाणा में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में जननायक जनती पार्टी में भाजपा के साथ चल रहा गठबंधन अचानक टूट गया। इसके बाद मनोहर लाल ने पूरी सरकार को इस्तीफा राज्यपाल का सौंप दिया। इस घटनाक्रम के बाद भाजपा के पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा तथा राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ चंडीगढ़ में पहुंचे और उनकी मौजूदगी में नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इसके बाद नायब सैनी मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पार्टी प्रभारी बिप्लब देव तथा दोनों पर्यवेक्षकों के साथ दोबारा राज्यपाल से मिले और सरकार गठन का दावा पेश किया।

इसके बाद राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। साथ ही मनोहर सरकार में मंत्री रहे कंवर पाल को बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ दिलाई गई। कंवर पाल के बाद बल्लभगढ़ के विधायक मूल चंद शर्मा, रानियां से निर्दलीय विधायक चौधरी रणजीत चौटाला, लोहारू के विधायक जय प्रकाश दलाल, डॉ. बनवारी लाल को भी बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ दिलवाई गई। इस नई सरकार में मनोहर मंत्रिमंडल में गृहमंत्री रहे अनिल विज, स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता, राज्य मंत्री ओम प्रकाश यादव, कमलेश ढांडा तथा संदीप सिंह को अभी मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने 27 अक्टूबर 2019 को जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर हरियाणा में मनोहर को मुख्यमंत्री समेत 14 कैबिनेट व राज्य मंत्रियों के साथ सरकार का गठन किया था। इनमें जजपा के कोटे से उपमुख्यमंत्री समेत तीन मंत्री शामिल थे। इसके अलावा एक मंत्री निर्दलीय कोटे से रहे हैं। लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा व जजपा के बीच सोमवार को देररात गठबंधन टूट गया। इससे पहले सोमवार की सुबह मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में अपने आवास पर प्रदेश के सभी निर्दलीय विधायकों के साथ मुलाकात की। इसमें सभी निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को लिखित समर्थन दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल व गृहमंत्री अनिल विज राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को मनोहर मंत्रिमंडल के इस्तीफे सौंपकर सरकार को भंग करने की सिफारिश कर डाली।(एएमएपी)