राजीव रंजन।
पूरे देश की निगाहें बिहार विधानसभा के परिणामों पर टिकी हुई हैं, लेकिन इसी के साथ कई राज्यों में विधानसभा उपचुनावों की मतगणना भी हो रही है। बिहार के परिणामों पर बाद में बात करेंगे। अभी कुछ राज्यों के रुझानों पर एक नजर डाल लेते हैं।
अगर एक वाक्य में इन नतीजों पर कहा जाए तो “एमपी में कमल के आगे नाथ धराशायी यूपी जोगी की जय जय और गुजरात में त पूछबे मत कीजिए।”
कर्नाटक
कर्नाटक में भी दोनों विधानसभा सीटों पर भाजपा ने निर्णायक बढ़त हासिल की हुई है। कर्नाटक में भाजपा और मजबूत होकर उभरी है। एक सीट भाजपा यहां जीत चुकी है और एक सीट पर 13,000 वोटों से आगे है।
मध्य प्रदेश में कमल बनाम नाथ
मध्य प्रदेश में तो मामला सरकार के बने रहने और सरकार के फिर से बनने का था। 28 सीटों में से एक को छोड़कर सारी कांग्रेस की थी और उसमें अधिकतम सीटों पर कांग्रेस से टूटे निवर्तमान विधायक भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कमल और नाथ दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर थी और यह कहना गलत नहीं होगा भाजपा वहां और मजबूत हुई है और कमलनाथ को मुंह की खानी पड़ी है।
21 सीटों पर भाजपा आगे है, जबकि उसे सरकार में बने रहने के लिए सिर्फ नौ सीटों की जरूरत थी। शिवराज और सिंधिया की जोड़ी ने कमलनाथ को पटखनी दे दी है।
कांग्रेस के आरोप जनता ने नकारे
महत्वपूर्ण बात यह है कि कांग्रेस ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे लोगों को धोखेबाज और ज्योतिरादित्य सिंधिया को गद्दार कहा था। कांग्रेस के इस आरोप को जनता ने नकार दिया है।
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान सरकार की हार के बाद मध्य प्रदेश के कुछ लोगों से मेरी बात हुई थी। उनका कहना था कि मामा को हराकर (हालांकि भाजपा का वोट प्रतिशत ज्यादा था) गलती हो गई। उपचुनाव के नतीजों से लग रहा है कि जनता ने अपनी गलती सुधार ली है।
यूपी में योगी का जलवा
उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ योगी ने एक बार फिर जनता पर अपनी पकड़ की झलक दिखा दी है। विपक्ष ने हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को भुनाने की जीतोड़ कोशिश की थी। इसके आलोक में उत्तर प्रदेश में उपचुनावों के परिणाम को देखें, तो ये नतीजे बहुत कुछ कहते हैं। भाजपा सात में से छह सीटों पर आगे है।
योगी सरकार का आना-जाना इन सीटों के परिणाम पर निर्भर नहीं था, लेकिन निश्चित रूप से इससे योगी और भाजपा का मनोबल बहुत बढ़ेगा। वैसे भी योगी की लोकप्रियता उत्तर प्रदेश की सीमाओं को पार कर दूसरे राज्यों में भी पहुंच गई है। अनगिनत लोग, खासकर भाजपा समर्थक योगी को अब नरेंद्र मोदी के बाद सबसे लोकप्रिय नेता मानने लगे हैं।
गुजरात में भी भगवा
गुजरात के बारे में तो क्या ही कहा जाए! वहां आठों सीटों पर भाजपा निर्णायक बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस का वहां सूपड़ा साफ होता दिखाई दे रहा है। सिर्फ एक सीट पर अंतर पांच हजार वोटों से कम का है, अन्य सीटों पर पर भाजपा 15 से 40 हजार वोटों से आगे है। उसके और कांग्रेस के बीच 20 प्रतिशत से ज्यादा मतों का अंतर है।
बात कांग्रेस की
इन उपचुनावों में जनता ने कांग्रेस को लगभग नकार दिया है। उसके लिए संतोष की बात सिर्फ इतनी है कि छत्तीसगढ़ की इकलौती सीट उसके खाते में जाती दिखाई दे रही है और हरियाणा में वह अपनी सीट बचाती हुई दिख रही है। झारखंड में भी दोनों सीटें यूपीए के खाते में जाती लग रही हैं। एक झारखंड मुक्ति और एक कांग्रेस के। भाजपा की तो बल्ले बल्ले है। बिहार में भी वह सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है।
(यह खबर शाम 5.30 बजे तक मिले परिणामों/रुझानों पर आधारित है)