डॉ. मयंक चतुर्वेदी।
देश में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में शांति से मतदान सम्पन्न कराने के लिए मोहन सरकार ने कमर कस ली है। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र से लगे सीमावर्ती जिलों में नक्सली गतिविधि पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए कठोर कार्रवाईयां शुरू हैं। अब स्थिति यह है कि मध्य प्रदेश में या तो नक्सली मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं, या फिर उन्हें राज्य छोड़कर भागना पड़ रहा है।
ताजा घटना यह है कि 29 लाख की इनामी महिला नक्सली डीवीसीएम सजन्ति उर्फ क्रांति- जो कि डिस्ट्रिक्ट कमांडेट थी- मुठभेड़ में मारी गई। इसके साथ ही 14 लाख का इनामी नक्सली रघु उर्फ शेरसिंह भी मारा गया। रघु पर तीन राज्यों की पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा था। इससे पहले मध्य प्रदेश पुलिस की हॉकफोर्स को एक और बड़ी सफलता मिली थी। नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बालाघाट जिले के गढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत चकरवाहा जंगल क्षेत्र में सर्चिंग कर रही कोबरा 207 और हॉकफोर्स की संयुक्त टीम की नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई से नक्सली घने जंगल में भाग गए थे । इस मुठभेड़ में कुछ नक्सली बुरी तरह से घायल हुए थे। जो सामान कोबरा 207 और हॉकफोर्स की संयुक्त टीम के हाथ लगा, सूचनाओं के नजरिए से फोर्स के लिए वह बहुत काम का साबित हुआ है।
इसी प्रकार से डॉ. मोहन यादव सरकार के गठन के वक्त भी नक्सलियों पर एक बड़ी कार्रवाई की गई थी। इसमें नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ। मध्य प्रदेश पुलिस की हॉकफोर्स ने नक्सल विरोधी अभियान के दौरान 14 लाख रुपये के इनामी नक्सली मड़काम हिड्मा उर्फ चैतु (32) को मार गिराया था। हिड़मा, एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्ती
आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि मध्यप्रदेश पुलिस प्रदेश के नक्सल विरोधी अभियानों की स्थानीय नागरिकों के सहयोग से बड़ी सफलता मिल रही है। इसी का परिणाम रहा जो पिछले वर्ष 2023 में तीन बड़ी कार्रवाइयां पूरी तरह से सफल रहीं। इन कार्रवाइयों में हॉकफोर्स ने दो महिला नक्सलियों सहित चार हार्डकोर नक्सलियों को धराशायी किया था । इन सभी नक्सलियों पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संयुक्त रूप से 14-14 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
इससे पहले कदला मुठभेड़ में महिला नक्सली सरिता तथा सुनीता, कुंदुल-कोद्दापार जंगल क्षेत्र में सितंबर में हुई मुठभेड़ में नक्सली कमलू को भी धराशायी किया जा चुका है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश पुलिस ने जबलपुर शहर से नार्थ बस्तर तथा आरकेबी डिविजन की मास संगठन का प्रभारी एसजेडसीएम अशोक रेड्डी उर्फ बलदेव को उसकी पत्नी एसीएम रेमती के साथ गिरफ्तार करने में भी सफलता हासिल की।
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ सालों के दौरान मुठभेड़ के दौरान 17 हार्डकोर नक्सली मारे गए हैं। इनमें नौ महिला नक्सली भी शामिल हैं। मारे गए नक्सलियों पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से कई करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। राज्य पुलिस ने नक्सलियों के विरुद्ध आक्रामक रणनीति अपनाई है। पुलिस ने सूचना आधारित अभियानों द्वारा टांडा दलम तथा दर्रेकसा दलम के नक्सलियों को धराशायी करना जारी रखा है, उससे इस वक्त नक्सलवाद की पकड़ कमजोर पड़ रही है।
इन दिनों मध्य प्रदेश सरकार के सख्त निर्देश, अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति एवं पुलिस के नक्सल समापन के अभियान का ही असर है कि राज्य में नक्सली पुलिस मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं या फिर भाग रहे हैं। जिन्हें लग रहा है कि वे बचेंगे नहीं, ऐसे कई नक्सली आगे से आकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहे हैं। ट्राइ जंक्शन क्षेत्र में नक्सलियों की कमर तोड़ दी गई है। मध्यप्रदेश पुलिस के लगातार प्रयासों और अभियानों से नक्सली बैकफुट पर हैं। मध्यप्रदेश की मोहन सरकार अपने कामकाज के पहले दिन से ही यह संदेश देने में सफल हुई है कि अपराधियों के लिए उसके पास कोई जगह नहीं, जो गलत है उसे दण्ड मिलेगा।
(लेखक ‘हिदुस्थान समाचार न्यूज़ एजेंसी’ के मध्य प्रदेश ब्यूरो प्रमुख हैं)