आपका अख़बार ब्यूरो।

शुक्रवार को पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 148वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का मुख्य आकर्षण था 17 महिला कैडेटों के पहले बैच का सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण कर सेना में जिम्मेदारी संभालने को तैयार होना। एनडीए से 17 महिला कैडेटों का पहला बैच स्नातक हुआ, जो भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।

गुरुवार को अकादमी में आयोजित 148वें एनडीए पाठ्यक्रम के दीक्षा समारोह के दौरान 339 कैडेटों को डिग्री प्रदान की गई। यह अकादमी सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए कैडेटों को प्रशिक्षण देती है।

डिवीजन की कैडेट श्रीति दक्ष ने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया, क्योंकि वे बीए स्ट्रीम में प्रथम रैंक हासिल करने के लिए सिल्वर मेडल और चीफ ऑफ एयर स्टाफ ट्रॉफी पाने वाली पहली महिला कैडेट बन गईं। लकी कुमार को बीएससी स्ट्रीम में टॉप करने के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ट्रॉफी मिली, बटालियन कैडेट कैप्टन प्रिंस कुमार कुशवाह ने कंप्यूटर साइंस ब्रांच में टॉप करने के लिए चीफ ऑफ नेवल स्टाफ ट्रॉफी जीती, और अकादमी कैडेट कैप्टन उदयवीर सिंह नेगी बीटेक स्ट्रीम में टॉपर बने।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहीं दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति पूनम टंडन ने स्नातकों को संबोधित करते हुए महिला कैडेटों के उत्कृष्ट प्रदर्शन का उल्लेख किया: “सेवा में लिंग का कोई अंतर नहीं होता और आपकी उपस्थिति ऐतिहासिक है।”

एनडीए कमांडेंट वाइस एडमिरल गुरचरण सिंह ने भी इस ऐतिहासिक घटना की सराहना करते हुए महिला कैडेटों को ‘आशा’ बताया और कहा कि राष्ट्र की सेवा में नाम और प्रसिद्धि हासिल करना एनडीए के प्रति उनकी ‘ गुरुदक्षिणा ‘ होगी।

2021 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पहली बार महिलाओं को एनडीए परीक्षा के लिए आवेदन करने की अनुमति दी। कैडेटों को दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से बीएससी, बीए और बीटेक की डिग्री प्रदान की गई।