नेपाल में भूकम्प से टूटे 10 हजार मकान, 67 हजार लोग विस्थापित
नेपाल में पिछले शुक्रवार की मध्य रात आए भूकम्प से हुई क्षति का पूर्ण विवरण सरकार की तरफ से सार्वजनिक किया गया है। इसके मुताबिक करीब 10 हजार मकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 67 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।गत 3 नवम्बर की रात को स्थानीय समयानुसार 11:47 बजे 6.4 रेक्टर स्केल पर आए भूकम्प में 10 हजार मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिला प्रशासन कार्यालय जाजरकोट के मुताबिक भेरी नगरपालिका क्षेत्र में 2,540 मकान, नलगाड नगरपालिका में 2,315 मकान, छेडागाड नगरपालिका में 1,945 मकान, बारेकोट गांवपालिका में 1,435, कुशे गाउँपालिका में 1,843, जुनिचाँदे गांवपालिका में 634 और शिवालय गांवपालिका में 48 घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गये हैं।
Nepal Earthquake | Visuals from Jajarkot that has been ravaged by the earthquake that struck last night.
Bheri Hospital, Kohalpur Medical College, Nepalgunj military hospital and Police Hospital have been made dedicated hospital for the earthquake-affected. All heli-operators… pic.twitter.com/odRG4vkBwE
— ANI (@ANI) November 4, 2023
जाजरकोट जिला प्रशासन ने बताया कि भूकम्प से जाजरकोट में ही सिर्फ 67 हजार लोग विस्थापित हुए हैं। जाजरकोट जिला प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि जिले में भूकम्प के कारण करीब 1 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने यह भी बताया कि भूकम्प के कारण करीब 24 हजार मकानों को आंशिक क्षति हुई है। भूकम्प के कारण जाजरकोट में मारे गए 101 लोगों में 53 बच्चे हैं।
मृतकों को सरकार की तरफ़ से मुआवज़ा
सर्दीं में रात गुज़ारने के लिए मजबूर
नेपाल में 6।4 की तीव्रता वाले भूकम्प से जाजरकोट ज़िला सर्वाधिक प्रभावित है। नेपाल में यूनीसेफ़ की प्रतिनिधि ऐलिस अकूंगा ने बताया कि यह त्रासदीपूर्ण है कि इस भीषण भूकम्प में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। बच्चे, विषमतापूर्ण ढंग से प्रभावित हुए हैं और उन्हें बाहर सर्दीं में रात गुज़ारने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों और उनके परिजन को तत्काल चिकित्सा सहायता, आश्रय, सुरक्षित पेयजल, भोजन, कम्बल और सर्दी के मौसम से पहले गर्म कपड़ों की आवश्यकता है।
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यूएन टीमें ज़मीन पर मौजूद हैं और सरकारी एजेंसियों के समन्वय में राहत प्रयासों को समर्थन प्रदान कर रही हैं। मगर, हिमालय क्षेत्र में ठंड पाँव पसार रही है और सहायता का स्तर तत्काल बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यूनीसेफ़ द्वारा हरसम्भव राहत प्रयास किए जा रहे हैं, मगर बच्चों व महिलाओं की स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, संरक्षण और जल, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कहीं अधिक मदद की ज़रूरत होगी। (एएमएपी)