एनटीपीसी ने नेपाल को बांग्लादेश तक 50 मेगावाट बिजली भेजने की सहमति दी।

भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कम्पनी नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) ने नेपाल को बांग्लादेश तक 50 मेगावाट अपनी बिजली भेजने के लिए लिखित सहमति दे दी है। इसके लिए जल्द ही भारत, नेपाल और बांग्लादेश के बीच त्रिपक्षीय समझौता करने की तैयारी हो रही है। पहले चरण में नेपाल 40 मेगावाट बिजली एनटीपीसी के जरिए बांग्लादेश को बेचेगा।नेपाल के ऊर्जा मंत्रालय के सचिव दिनेश घिमिरे ने बताया कि बांग्लादेश तक नेपाल की बिजली पहुंचाने के लिए एनटीपीसी की तरफ से सहमति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही बिजली का रेट और ट्रांसमिशन रेट फाइनल करते हुए नेपाल विद्युत प्राधिकरण, भारत की तरफ से एनटीपीसी और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के बीच लिखित त्रिपक्षीय समझौता किया जाएगा। ऊर्जा सचिव ने कहा कि इस त्रिपक्षीय समझौते के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।

प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ की भारत यात्रा के समय द्विपक्षीय बातचीत में नेपाल की तरफ से यह प्रस्ताव रखा गया था। नेपाल ने अपने यहां की बिजली को भारत के रास्ते बांग्लादेश तक भेजने में सहयोग करने का आग्रह किया था। नेपाल के इस प्रस्ताव को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वीकार करते हुए आवश्यक कार्यवाही का निर्देश दिया था।

नेपाल विद्युत प्राधिकरण के प्रबन्ध निदेशक कुलमान घिसिंग ने कहा कि पिछले महीने ही नेपाल और भारत के ऊर्जा सचिवों की बैठक में इस प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए त्रिपक्षीय समझौते के लिए आगे बढ़ने पर भारत ने हरी झंडी दे दी थी। इसके बाद तीनों देश की नोडल एजेंसियों के कई चरणों की बातचीत के बाद सहमति होने की जानकारी दी गई है। हालांकि, 40 मेगावाट बिजली बांग्लादेश को बेचना फिलहाल भले ही कम दिख रहा है, लेकिन भारत के रास्ते तीसरे देश में ऊर्जा का निर्यात करना नेपाल के लिए एक बडी उपलब्धि है। इससे आने वाले दिन में नेपाल के बिजली व्यापार का रास्ता तीसरे देश के लिए भी खुल जाएगा।

घिसिंग ने यह भी जानकारी दी है कि एनटीपीसी ने फिलहाल 50 मेगावाट तक बिजली बांग्लादेश को भेजने पर अपनी सहमति दे दी है। नेपाल की योजना है कि अपर कर्णाली हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट से उत्पादित 500 मेगावाट बिजली बांग्लादेश को बेचा जाए। इस हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट का निर्माण भारतीय ढांचागत कंपनी जीएमआर कर रही है।(एएमएपी)