राम मंदिर को लेकर जनकपुरवासियों में भारी उत्‍साह

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, इसको देखते हुए अयोध्या नगरी को सजाया जा रहा है। कई शहरों में उस दिन दीए जलाए जाएंगे। इसी तरह नेपाल के जनकपुर में भी राम मंदिर को लेकर लोग बहुत खुश हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर रामजी के ससुराल नेपाल के जनकपुरधाम स्थित जानकी मंदिर परिसर में सवा लाख दीप जलाए जाने की तैयारी है। नेपाल के जनकपुर को माता सीता का जन्मस्थान माना जाता है। माता सीता का दूसरा नाम जानकी है, जो जनकपुर के राजा जनक की बेटी थीं। यह जगह काठमांजू से 220 किलोमीटर दक्षिण-पूर्ण और अयोध्या से करीब 500 किलोमीटर पूर्व में है।  राम मंदिर के अभिषेक से पहले वहां भी कई तरह के सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के साथ उत्सव मनाने के लिए तैयारी हो रही है।

बनेगा विशेष पकवान, जनकपुरवासियों के घर होगा वितरण

जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंथ रामरोशन दास ने बताया कि जानकी मंदिर परिसर में सवा लाख दीप जलाने की तैयारी है। विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से जानकी मंदिर में सवा लाख दीप जलाए जाएंगे। मंदिर प्रबंधन की तरफ से 22 जनवरी को विशेष पकवान बनाया जाएगा जिसे प्रसाद के रूप में सम्पूर्ण जनकपुरवासियों के घर वितरण किया जाएगा। जानकी मंदिर के महंत रामरोशन दास ने समाज के सभी लोगों से अपील की है कि वो 22 जनवरी की शाम को अपने-अपने घरों को दीपों से रौशन करें। महंथ ने कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होना ना सिर्फ जनकपुरवासियों के लिए बल्कि सम्पूर्ण मिथिला क्षेत्र के लिए विशेष आनंद का विषय है। उन्होंने कहा कि उत्सव ऐसा होना चाहिए जैसे कि दीपावली के समय करते हैं।

अयोध्या में मंदिर बनने से नेपाल में बढ़ेंगे पर्यटक

राम मंदिर प्रतिष्ठा के बाद जनकपुर में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद जनकपुर धाम को नया जीवन मिला। अब यहां बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक आने लगे हैं। नेपाल विधायक ने कहा, “पर्यटन देश की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा कारक बन गया है और देश की जीडीपी को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाता है। मंदिर के उद्घाटन के बाद धार्मिक पर्यटक बढ़ेंगे और जनकपुर और अधिक समृद्ध हो जाएगा।”  जनकपुर में जानकी मंदिर के मुख्य पुजारी तपेश्वर दास ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को दो परिवारों, भगवान राम और माता सीता के परिवारों का मिलन बताया। उन्होंने कहा, जनकपुर से चांदी के जूते, आभूषण और पोशाक समेत 3,000 से अधिक उपहार अयोध्या भेजे गए हैं।


राम सिर्फ एक देवता नहीं बल्कि नेपाल के दामाद भी हैं

नेपाली कांग्रेस के नेता ने कहा, “जनकपुर के लोगों के लिए श्री राम सिर्फ एक देवता नहीं बल्कि उनके दामाद भी हैं। लोग खुश हैं कि उनकी बेटी और दामाद उनके घर में प्रवेश कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “नेपाल भारत और चीन के बीच स्थित है। भारत और चीन दोनों का नेपाल पर प्रभाव है। हालांकि, तुलनात्मक रूप से, भारत का नेपाल के साथ गहरा सांस्कृतिक, भौगोलिक और राजनीतिक जुड़ाव है।”  नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि ने कहा है कि, “हमारी बेटी, माता जानकी का विवाह भगवान श्रीराम से हुआ था। हम बहुत उत्साहित और गौरवान्वित हैं कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी।” उन्होंने कहा कि जब भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में अपना फैसला सुनाया था तो जनकपुर के लोग बहुत खुश थे।  (एएमएपी)