इजराइल और हमास के बीच जंग का 17वां दिन है. युद्ध के शांत होने के आसार कहीं भी नजर नहीं आ रहे है. ऐसे में बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि अगर युद्ध जारी रहता है तो अकल्पनीय झटका देने के लिए हम तैयार है. इस बीच भारत समेत कई देशों ने फलस्तीन के लोगों के लिए राहत समाग्री भेजी है।
सीरिया और वेस्ट बैंक में आतंकी ठिकानों पर इजराइल के हवाई हमलों और फलस्तीन में बढ़ते मानवीय संकट के बीच राहत सामग्री की दूसरी खेप गाजा पहुंची. इस बीच, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान के आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने युद्ध शुरू किया, तो “हम उसे इतना जोर का झटका देंगे, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती.”
माना रहा है कि इजराइल सात अक्टूबर को हमास के अप्रत्याशित हमले की प्रतिक्रिया के रूप में गाजा में जमीनी आक्रमण शुरू करने की तैयारी में है. सीमा पर टैंक और हजारों सैनिक लामबंद हो चुके हैं, जो आदेश आने के इंतजार में हैं. इजराइली सैना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि इजराइल ने पूरे गाजा में हमले तेज कर दिए हैं, ताकि युद्ध के अगले चरण में सैनिकों के लिए जोखिम कम हो सके.
दोनों पक्षों में जारी संघर्ष के बीच क्षेत्र में बड़े पैमाने पर युद्ध की आशंकाएं बढ़ गई है, क्योंकि इजराइली युद्धक विमानों ने गाजा में विभिन्न ठिकानों पर हमले के साथ सीरिया में दो हवाई अड्डों और वेस्ट बैंक में एक मस्जिद को निशाना बनाया. इजराइल का आरोप है कि मस्जिद का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उत्तरी इजराइल में सैनिकों से कहा कि यदि हिजबुल्ला ने इजराइल के खिलाफ युद्ध शुरू किया, तो ‘‘यह उसकी बड़ी भूल होगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उसे इतना जोर का झटका देंगे, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. उसके और लेबनान के लिए नतीजे विनाशकारी होंगे.’’
Hamas has prepared for this war for months, they have reserves of supplies for months. They have 1 million liters of fuel in reserves.
Hamas does not share it with Gazans in need or @UNRWA, rather uses it for terror #HamasisISIS pic.twitter.com/Vykj4hivfE
— Israel ישראל 🇮🇱 (@Israel) October 23, 2023
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हमास ने कहा कि उसने दक्षिणी गाजा में खान यूनिस के पास इजराइली सेना के साथ लड़ाई के दौरान एक टैंक और दो बुलडोजर नष्ट कर दिए. वहीं, रविवार देर रात हगारी ने घोषणा की कि सात अक्टूबर को हमले के बाद अगवा किए गए 200 से अधिक बंधकों को छुड़ाने के प्रयासों के तहत गाजा के अंदर एक अभियान के दौरान एक टैंक रोधी मिसाइल के हमले में एक सैनिक की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए.
दो सप्ताह पहले इजराइल द्वारा पूर्ण घेराबंदी किए जाने के बाद शनिवार को राहत सामग्री से लदे 20 ट्रक गाजा में दाखिल हुए. इजराइल के अधिकारियों ने रविवार देर रात कहा कि उन्होंने अमेरिका के अनुरोध पर गाजा में सहायता की दूसरी खेप भेजने की अनुमति दी है. फलस्तीनी नागरिक मामलों के जिम्मेदार इजराइली रक्षा निकाय सीओजीएटी ने कहा कि सहायता में पानी, भोजन और चिकित्सा आपूर्ति शामिल है और गाजा पहुंचने से पहले इजराइल द्वारा इसका निरीक्षण किया गया था.
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भारत ने रविवार को फलस्तीन के लोगों के लिए दवाओं और चिकित्सा उपकरणों सहित 38 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी. भारतीय वायु सेना का सी-17 परिवहन विमान राहत सामग्री लेकर मिस्र के अल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गया है. विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों ने गाजा की स्थिति को ‘‘भयानक’’बताया है. हमास द्वारा सात अक्टूबर को इजराइल पर जबरदस्त हमले के बाद इजराइली सेना गाजा पर जवाबी हवाई हमले कर रही है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि राहत सामग्री फलस्तीन तक पहुंचाने के लिए मिस्र के रेड क्रिसेंट को सौंप दी गई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘भारत ने फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भेजी है. फलस्तीन के लोगों के लिए लगभग साढ़े छह टन चिकित्सा सहायता तथा 32 टन आपदा राहत सामग्री लेकर आईएएफ सी-17 मिस्र के अल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सामग्री में आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, सर्जिकल सामान, तंबू, स्लीपिंग बैग, तिरपाल, स्वच्छता संबंधी सामान, जल शुद्धिकरण के लिए टैबलेट सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं.’’ इसके कुछ घंटे बाद बागची ने कहा कि मिस्र में भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने फलस्तीन भेजने के लिए राहत सामग्री मिस्र के रेड क्रिसेंट को सौंप दी.
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘फलस्तीन के लोगों के लिए भारत की मानवीय सहायता मिस्र पहुंची. भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने राहत सामग्री फलस्तीन भेजने के लिए मिस्र के रेड क्रिसेंट को सौंप दी है.’’ सी-17 विमान को दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस से भेजा गया था.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गाजा के एक अस्पताल में नागरिकों की मौत पर संवेदना व्यक्त करने तथा इजराइल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से जारी ‘सैद्धांतिक स्थिति’ को दोहराने के तीन दिन बाद भारत ने यह सहायता भेजी है. प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को फलस्तीन प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से कहा कि भारत फलस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) उन पांच एजेंसियों में शामिल थे, जिन्होंने एक संयुक्त बयान में गाजा की स्थिति को ‘‘भयानक’’ बताया है. भारत संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) में योगदान के माध्यम से फलस्तीन और फलस्तीनी शरणार्थियों का समर्थन करता रहा है। (एएमएपी)