दिल्ली हाई कोर्ट ने यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मां को तीन भारतीय नागरिकों के साथ यमन जाने की अनुमति दे दी है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि निमिषा प्रिया की मां अपने स्वयं की जिम्मेदारी पर यमन जाएंगी। केंद्र और संबंधित राज्य सरकार इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। निमिषा प्रिया की मां के साथ जो लोग जा रहे हैं उनमें कुन्हाम्मद नादुविलाक्कांडी, सैमुअल जेरोम भास्करन और के संजीव कुमार शामिल हैं।
Delhi High Court Permits Nimisha Priya’s Mother To Travel To Yemen At Her Own Risk To Save Daughter On Death Rowhttps://t.co/rXM7ns06j4
— Live Law (@LiveLawIndia) December 12, 2023
केंद्र से नहीं मिली थी यमन जाने की अनुमति
निमिषा की मां ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपनी बेटी को फांसी से बचाने यमन जाने की अनुमति मांगी थी। 2 दिसंबर को विशेष सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या निमिषा की मां को यमन जाने की इजाजत दी जा सकती है। तब केंद्र सरकार ने यमन जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। केंद्र सरकार ने कहा था कि यमन में भारतीय दूतावास बंद हो चुका है। वहां भारत की कोई राजनयिक उपस्थिति नहीं है, इसलिए कुछ भी अनहोनी होने पर केंद्र उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं ले सकता है।
यह है पूरा मामला
निमिषा पर 2017 में यमन के नागरिक तलल आब्दो माहदी की हत्या का आरोप है। निमिषा पर आरोप है कि उसने माहदी को नशीला पदार्थ पिलाया जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई। निमिषा एक प्रशिक्षित नर्स है। उसने 2014 में यमन की राजधाना सना में अपना क्लिनिक स्थापित करने के लिए माहदी से मदद ली थी।
Plea in Delhi High Court, seeks India’s diplomatic interventions, negotiations with family of victim to save Nimisha Priya from death row in Yemen
India Ahead’s @ShivangPatrakar speaks to #Nimisha‘s counsel Subhash Chandran. Listen in@kabir_naqvi pic.twitter.com/K9bwqiFXVD
— India Ahead News (@IndiaAheadNews) April 11, 2022
यमनी कानून के मुताबिक, यमन में केवल यमनी नागरिकों को ही क्लीनिक और व्यावसायिक फर्म स्थापित करने की अनुमति है। बाद में दोनों के संबंध बिगड़ गए और महादी निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया। आरोप है कि निमिषा महादी के चंगुल से बचने के लिए एक यमनी नर्स के साथ योजना बनाकर नशीला इंजेक्शन दिया, जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई थी।
ब्लड मनी देकर बचाई जा सकती है निमिषा की जान
साल 2017 में यमन में गृहयुद्ध शुरू होने के बाद से भारत सरकार ने अपने नागरिकों के यमन जाने पर रोक लगा दी थी। अब निमिषा की मां अपनी बेटी को बचाने के लिए यमन जाकर माहदी के परिजनों से उसकी बेटी को माफ करने की अपील करना चाहती हैं। साथ ही वह माहदी की मौत के बदले में उसके परिजनों को ब्लड मनी देने पर भी बातचीत कर सकती हैं। निमिषा का बचाने का फिलहाल यही एक तरीका है।
निमिषा की मां को देना हो एफिडेविट
हाईकोर्ट ने निमिषा प्रिया की मां को एक एफिडेविट देने को कहा गया है कि वह अपने रिस्क पर यमन की यात्रा कर रही हैं। इसके अलावा यह भी बताएं की वह कब जाने वाली हैं और कब वापस लौटेंगी। (एएमएपी)