मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की करारी हार के साथ ही विपक्षी गठबंधन (आईएनडीआईए) में भी असमंजस की स्थिति पैदा होने लगी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनके बिहार के समकक्ष नीतीश कुमार और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने 6 दिसंबर को होने वाली बैठक से पहले ही दूरी बना ली है। इतना ही नहीं अब क्षेत्रीय दल सीट बंटवारे पर भी जोर देते नजर आ रहे हैं। यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आहूत की है। बैठक में पांच राज्यों के हालिया चुनाव नतीजों पर मंथन औप आगामी रणनीति पर चर्चा होनी है।

ये नेता होंगे शामिल

विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार नीतीश कुमार ने बीमार होने के कारण दिल्ली न जाने का फैसला किया है। इस बैठक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव के अलावा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री संजय झा शामिल होंगे। इस बैठक को अहम माना जा रहा है। इसमें संयोजक के नाम के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा होने की संभावना है।

कांग्रेस अपनी हार के लिए खुद जिम्मेवार

पांच राज्यों में गठबंधन में शामिल दलों ने अलग- अलग चुनाव लड़ा है। क्षेत्रीय दलों का मानना है कि इसी वजह से तीन राज्यों में भाजपा को जीत मिली। जदयू और राजद का स्पष्ट कहना है कि कांग्रेस अपनी हार के लिए खुद जिम्मेवार है। मिलकर चुनाव लड़ा जाता तो नतीजे कुछ और होते। नीतीश कुमार की पहल पर केंद्र की सत्ता से भाजपा को बेदखल करने के लिए बने इस गठबंधन में पांच राज्यों के चुनाव पर सीटों के बंटवारे की बात होने के बाद कांग्रेस ने चुप्पी साध ली थी। पिछले दिनों खुद नीतीश ने कांग्रेस के रवैये पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हमलोग कांग्रेस को जिताने के लिए काम कर रहे हैं लेकिन उसे विपक्षी गठबंधन से कोई मतलब नहीं है।

सबसे बड़ा मुद्दा सीट शेयरिंग

लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जुटे विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक सितंबर में हुई थी। इसके बाद भी करीब तीन बार विपक्षी नेताओं की मुलाकातें हुईं, लेकिन अब तक सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन सकी है। कहा जा रहा है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजों के इंतजार में कांग्रेस की वजह से ही इस मुद्दे पर चर्चा रुकी हुई थी।

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चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार

2018 में मध्य प्रदेश जीतने वाली कांग्रेस 2020 में पहले ही सरकार गंवा चुकी थी। अब 2023 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। नतीजों के अनुसार, 230 में कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटें मिली हैं। जबकि, भाजपा 163 सीटें जीतने में सफल रही। इधर, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ दल रही कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी और दोनों ही राज्यों में भाजपा की वापसी हो गई। हालांकि, कांग्रेस तेलंगाना में सफल हुई है।(एएमएपी)