जदयू पार्टी अध्यक्ष पद से ललन सिंह के इस्तीफे के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पार्टी अध्यक्ष बनना तय है। नीतीश कुमार ने दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा कि मैंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद स्वीकार कर लिया है। जदयू अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश कुमार ने पहला फैसला किया है कि वे देश भर में जाति जनगणना को लेकर जनजागरण करेंगे। जनवरी से झारखंड से इसकी शुरुआत की जाएगी। नीतीश ने कहा कि हमारा एजेंडा बढ़ाना कांग्रेस की मजबूरी है।
BJP mocks change in Nitish Kumar’s fortunes, says that instead of PM face, he became the JDU president.
JDU is not even the party of whole of Bihar because they don’t fight elections in whole of Bihar. They fight elections sometimes with Lalu Ji and sometimes with the BJP…:… pic.twitter.com/lXJlPDAHfJ
— TIMES NOW (@TimesNow) December 29, 2023
तेजस्वी यादव ने दी बधाई
बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार के जेडीयू प्रमुख बनने की खबरों पर एक और बयान दिया है। यादव ने कहा कि ये पार्टी का फैसला था। वे पहले पार्टी अध्यक्ष थे और जदयू के वरिष्ठ सदस्य हैं। मैं उन्हें बधाई देता हूं, बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम बीजेपी को हराने के लिए भारतीय गठबंधन के एजेंडे पर मिलकर काम करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का बयान
जदयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने नीतीश से पार्टी और राष्ट्र के व्यापक हित में पार्टी की कमान संभालने का अनुरोध किया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। नीतीश के जदयू की कमान संभालने को गठबंधन के नेताओं के साथ-साथ राजद के लिए भी एक कड़ा संदेश माना जा रहा है। नीतीश को एक कड़े सौदेबाज के रूप में जाना जाता है और इंडिया गठबंधन में लोकसभा सीट बंटवारे का काम सामने है।
क्या बोले जीतन राम मांझी ?
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है, ललन यादव ने तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का सुझाव दिया था। लेकिन सीएम (नीतीश कुमार) ने इसे मंजूरी नहीं दी। जब मैंने (2015 में) इस्तीफा दिया था, तो मैंने कहा था कि अगर आपको लगता है कि मुझे सीएम बनाना एक बड़ी गलती थी तो तेजस्वी यादव को सीएम बनाना और भी बड़ी गलती होगी। इसलिए मुझे लगता है कि यह उनके साथ ही रहेगा।
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जदयू का इतिहास
जनता दल (यूनाइटेड) का गठन जनता दल, लोक शक्ति और समता पार्टी के के विलय के साथ हुआ था। 30 अक्तूबर 2003 को स्व. जॉर्ज फर्नांडीस और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली समता पार्टी का जनता दल में विलय हो गया। विलय की गई इकाई को जनता दल (यूनाइटेड) कहा गया। इसमें जनता दल का तीर चिन्ह और समता पार्टी का हरा और सफेद झंडा मिलकर जदयूका चुनाव चिन्ह बना। 2004 से 2016 तक शरद यादव पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं। वहीं, नीतीश कुमार 2016 से 2020 तक इस पद पर रह चुके हैं। उनके बाद रामचंद्र प्रसाद सिंह 2020 से 2021 तक और उनके बाद ललन सिंह ने जिम्मेदारी संभाली। शुक्रवार को ललन ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया। (एएमएपी)