भाजपा का समर्थन पत्र सौंपकर नई सरकार बनाने का दावा किया पेश

पिछले कुछ दिनों से बिहार में मची उथल-पुथल के बीच अब सियासी विराम लग गया है। आखिरकार नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ सरकार का फैसला कर लिया। मुख्यमंत्री नीतीश ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह रविवार सुबह राजभवन पहुंचे और राज्यपाल राजेंद्र अरलेकर को अपना त्यागपत्र सौंपा। नीतीश कुमार ने भाजपा का समर्थन पत्र सौंपकर नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया। आज शाम नई सरकार के शपथ लेने की संभावना है। राजभवन जाने से पहले नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री आवास पर पार्टी सांसदों और विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में नीतीश कुमार ने अपने फैसले की जानकारी दी।

जदयू खेमे से तीन और भाजपा के तीन विधायक लेंगे मंत्री पद की शपथ

नीतीश कुमार अब भाजपा के साथ गठबंधन में नई सरकार बनाएंगे और 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। नीतीश के इस्तीफा सौंपने से पहले सीएम आवास पर जेडीयू विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें सभी विधायकों को एनडीए में वापसी के बारे में सूचित किया गया। इसी के साथ 17 महीने की महागठबंधन सरकार का अंत हो गया। ऐसे संकेत मिले हैं कि जदयू खेमे से तीन और भाजपा के तीन विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे। समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हो सकते हैं। राजभवन से बाहर आने पर नीतीश कुमार ने पत्रकारों को अपने फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज हमने इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल से मौजूदा सरकार को समाप्त करने को कहा है।

आरजेडी और इंडिया गठबंधन पर बरसे नीतीश

नीतीश कुमार ने कहा है कि चारों तरफ से राय आ रही थी। इसी को हमने सुन लिया। अब नये गठबंधन में शामिल होंगे। आज हम लोग पुराने गठबंधन से अलग हो गए हैं। जितना काम हम कर रहे थे, वो कुछ काम ही नहीं कर रहे थे। लोगों को तकलीफ थी, हमने बोलना छोड़ दिया। नीतीश कुमार ने कहा, ‘आज हमने इस्तीफा दे दिया है। अब सरकार को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमने नया गठबंधन बनाया था और उसकी स्थिति ठीक नहीं लग रही है। इसलिए हमने अलग होने का ही फैसला कर लिया।’ नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी के सभी लोगों से राय लेने के बाद इस्तीफा ले लिया है। अब नए गठबंधन में जा रहा हूं। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने पिछली बार नौ अगस्त 2022 को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा था। इसके बाद राजद-कांग्रेस गठबंधन के साथ मिलकर महागठबंधन सरकार बनाई थी।

क्‍या बोले खरगे ?

नीतीश कुमार के इस्तीफा के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश में ‘आया राम-गया राम’ जैसे कई लोग हैं। पहले वो और हम मिलकर लड़ रहे थे। जब मैंने लालू जी और तेजश्वी जी से बात की तो उन्होंने भी कहा कि नीतीश जा रहे हैं। अगर वह रुकना चाहता तो रुक जाता लेकिन वह जाना चाहता है। इसलिए ये बात हमें पहले से ही पता थी, लेकिन इंडिया गठबंधन को बरकरार रखने के लिए हमने कुछ नहीं कहा। अगर हम कुछ गलत कहेंगे तो गलत संदेश जाएगा। इसकी जानकारी हमें लालू प्रसाद यादव जी और तेजश्वी यादव जी ने पहले ही दे दी थी। आज वह सच हो गया।

यह मेरे लिए भावुक क्षण है : सम्राट चौधरी

सम्राट चौधरी ने कहा कि भाजपा ने मेरे जीवन के लिए एक ऐतिहासिक काम किया है। मैं पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, विनोद तावड़े समेत सभी भाजपा के नेताओं का धन्यवाद देता हूं। विधायक दल के नेता चुनने के लिए मैं आभारी हूं। यह मेरे लिए भावुक क्षण है। बिहार में जंगलराज नहीं बन सके, इसके लिए मेरी कोशिश रहेगी। जदयू के वरीय नेता ने संजय झा ने प्रस्ताव दिया तो हमलोगों ने बिहार की जनता के फैसले के साथ जाना उचित समझा।

गिरिराज बोले- जंगलराज से बचाने को नीतीश ने दिया इस्तीफा

इस बीच गिरिराज सिंह का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा आरजेडी के जंगलराज के खिलाफ रही है। हम इसीलिए नीतीश कुमार को मौका देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पर लगातार लालू की ओर से दबाव था कि तेजस्वी को कमान सौंपी जाए। ऐसा होता तो बिहार फिर से जंगलराज के दौर में आ जाता। इससे बचने के लिए ही नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है।

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में INDIA गठबंधन की बड़ी कामयाबी, सपा और कांग्रेस में बनी सीट शेयरिंग पर सहमति

बिहार का सियासी गणित

बिहार में आरजेडी 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। बीजेपी के 78, जेडीयू के 45 और हम के 4 विधायक हैं। इन तीनों दलों के विधायकों की कुल संख्या 127 है। बिहार विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है। वहीं महागठबंधन में शामिल वाम दलों के 16 और कांग्रेस पार्टी के 19 विधायक हैं। एआईएमआईएम का 1 और एक निर्दलीय विधायक है। बिहार विधानसभा में महागठबंधन का संयुक्त आंकड़ा 114 बैठता है। यानी बहुमत से 8 कम। बता दें कि 2020 में जेडीयू और भाजपा ने गठबंधन में बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा था। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे। बीजेपी के खाते से दो डिप्टी सीएम बनाए गए थे। स्पीकर भी बीजेपी का बना था। इसके बाद 2022 अगस्त में नीतीश कुमार एनडीए और बीजेपी से अलग हो गए थे और राजद के साथ महागठबंधन में शामिल होकर सरकार बनाई। वह मुख्यमंत्री बने और तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री। (एएमएपी)