नेपाल में उत्तर कोरिया के राजदूत जो योंग मेन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचंड से मुलाकात कर अपने सरकार के फैसले से अवगत कराया। प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार रूपक सापकोटा ने बुधवार को बताया कि मुलाकात के दौरान उत्तर कोरिया के राजदूत ने दूतावास बंद करने और जल्द ही सभी कर्मचारियों के वापस जाने की जानकारी दी।
सापकोटा ने बताया कि प्रधानमंत्री प्रचंड ने उत्तर कोरियाई सरकार के इस फैसले पर नाखुशी प्रकट की, साथ ही उन्होंने जल्द ही इस पर पुनर्विचार होने की उम्मीद भी जताई। उन्होंने बताया कि उत्तर कोरिया ने आर्थिक मंदी के मद्देनजर दूतावास बंद करने का फैसला किया है। नेपाल में दूतावास बंद होने के बाद अब नई दिल्ली स्थित उत्तर कोरियाई दूतावास से नेपाल के मामले देखने की जानकारी दी गई है।
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नेपाल और कोरिया के बीच 11 दिसंबर 1970 को द्विपक्षीय व्यापार समझौता हुआ था, लेकिन 15 मई 1974 को औपचारिक कूटनीतिक संबंध स्थापित हुआ था। उसी समय उत्तर कोरिया ने नेपाल में अपना दूतावास स्थापित किया था। सन् 2019 में संयुक्त राष्ट्र के द्वारा उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के बाद से ही नेपाल में भी दूतावास की भूमिका काफी कम हो गया था। (एएमएपी)