भविष्य की 6G तकनीक के लिए भारत ने अभी से कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘भारत 6G गठजोड़’ की घोषणा की है। इसके तहत टेलीकॉम क्षेत्र के सभी हितधारक एक छत के नीचे आकर नई तकनीक की दिशा में काम करेंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस समूह की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि 5जी में भारत दुनिया के साथ आगे बढ़ा है लेकिन 6G में हमारा लक्ष्य है कि दुनियाभर में हम सबसे आगे रहें। इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘भारत 6G विजन लॉन्च’ किया था। इसी के तहत 6G समूह काम करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अब दूरसंचार प्रौद्योगिकियों का निर्यातक बन चुका है और इसके पास पहले से ही 6G प्रौद्योगिकी से जुड़े करीब 200 पेटेंट हैं। हमें वर्ष 2030 तक 6G पेटेंट के मामले में भारत की हिस्सेदारी को 10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए।
चिप प्लांट का शिलान्यास जल्द
क्या है यह समूह
सभी क्षेत्रों के लिए उपयोगी
कई देशों में हो रहा परीक्षण
दुनिया के लिए 6G के मायने
2. 5जी स्पीड 10 जीबीपीएस है, 6G की स्पीड 1000 जीबीपीएस तक होगी ।
3. 5जी की तुलना में एकसाथ करीब दस गुना अधिक डिवाइस जुड़ जाएगी ।
4. हाई क्वालिटी वीडियो 142 घंटे का एक सेकंड में ही डाउनलोड हो सकेगा ।
5. ढ़ाई घंटे की एचडी मूवी 6G के जरिए एक सेकंड में डाउनलोड हो सकेगी ।
ऐसे काम आएगी तकनीक
- एआई, मशीन लर्निंग, चैट जीपीटी के दौर में तकनीक प्रभावी होगा। दो लोगों या उत्पादों के बीच बेहतर समन्वय रखने में सक्षम।
- ये टेलीकॉम दुनिया का ऐसा आधुनिक नेटवर्क होगा जो इंसानों के साथ पर्यावरण और वस्तुओं को महूसस करने में भी सक्षम होगा।
- कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में 6G सर्विस नया आयाम बनाएगी। कॉल के साथ इंटरनेट सर्फिंग और डाउनलोडिंग आसान बनेगी।
- संचालन आसान और सस्ता होगा, खर्चे में कटौती संभव है।
- सुरक्षा और विश्वास इसकी सबसे बड़ी ताकत होगी, भविष्य में साइबर अपराधियों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है ये तकनीक।