ब्रह्मोस मिसाइलों को खरीदने कई देशों ने दिखाई दिलचस्पी
भारत की रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने की कोशिश में जल्द ही एक और उपलब्धि जुड़ने वाली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआडीओ) इस साल मार्च तक ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल का निर्यात शुरू कर देगा। डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने गुरुवार को कहा कि भारत अगले 10 दिनों में ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का ग्राउंड सिस्टम एक्सपोर्ट करना शुरू कर देगा। इसके बाद क्रूज मिसाइलों का भी निर्यात इसी साल मार्च से शुरू होना है। उन्होंने बताया कि हमने फिलीपींस को कई हथियार एक्सपोर्ट किए हैं। अब कुछ और देश भी इसके निर्यात की मांग कर रहे हैं।
Congratulations @indiannavy for precision hit of land target with advanced #BRAHMOS Supersonic Cruise Missile having improved range, firepower & stealth. The spectacular launch bolsters the Navy’s #CombatReadiness, revalidating #AatmaNirbhartaInDefence. #आपसेहमहैं @PMOIndia… https://t.co/llI3BOCZMS
— BRAHMOS Missile (@BrahMosMissile) January 24, 2024
10 दिनों के अंदर ही फिलीपींस भेज जाएगा ब्रह्मोस का ग्राउंड सिस्टम
उन्होंने कहा कि 10 दिनों के अंदर ही हम ब्रह्मोस का ग्राउंड सिस्टम फिलीपींस भेज देंगे। इसके बाद मार्च तक मिसाइलें भी भेजी जाएंगी। समीर कामत ने कहा, ‘करीब 4.94 लाख करोड़ रुपये के डीआरडीओ के उत्पादों के लिए रुचि दिखाई गई है। पहले के मुकाबले हमें कहीं ज्यादा ऑर्डर मिले हैं और तेजी से प्रोग्रेस हो रही है। बीते 5 सालों के मुकाबले तेजी से इस संख्या में इजाफा हुआ है। मेरा अनुमान है कि अब तक हुए कुल एक्सपोर्ट में से करीब 70 फीसदी हथियार पिछले 5 से 7 सालों में ही निर्यात किए गए हैं।’
दुनियाभर में होंगे भारत के हथियार
डॉ. समीर कामत ने कहा कि अगले कुछ सालों में हमारे तमाम हथियार विदेशी सेनाओं में होंगे। इसके अलावा आकाश मिसाइलें, अर्जुन टैंक, लाइट एयरक्राफ्ट जैसे तमाम रक्षा उपकरणों को भी निर्यात किया जाएगा। इनके लिए भी कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। गौरतलब है कि भारत पहले ही अर्मेनिया जैसे देशों को हथियार निर्यात कर रहा है। यह भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए बड़ी छलांग की तरह है, जो अब तक अपनी जरूरतों के लिए भी आयात करता था। अब उसके उलट बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट करना सफलता है।
डिफेंस एक्सपोर्ट में तेजी से आगे बढ़ रहा भारत
बता दें कि भारत ने 2023 में भी डिफेंस एक्सपोर्ट में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। भारत ने दुनिया के देशों को करीब 16 हजार करोड़ रुपये की कीमत के हथियार बेचे थे। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था। इससे पहले 2022 में भी 13 हजार करोड़ रुपये के हथियारों का सौदा हुआ था। भारत में डिफेंस प्रोडक्शन भी ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में पहली बार 1 लाख करोड़ रुपये का डिफेंस प्रोडक्शन हुआ है।
कुछ और देशों ने भी दिखाई ब्रह्मोस के लिए रुचि
डीआरडीओ चेयरमैन ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल के लिए फिलीपींस के अलावा अन्य देशों ने भी रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि निर्यात के लिए तैयार एटीएजीएस के सारे ट्रायल पूरे हो चुके हैं। मेरा अनुमान है कि 31 मार्च से पहले ही इसके लिए ऑर्डर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि डीआरडीओ की तरफ से अब तक जिन हथियारों का उत्पादन हो रहा है, उन्हें जल्द ही सेना के तीनों अंगों में शामिल किया जाएगा। कामत ने बताया कि एसीए एमके-1ए, अर्जुन एमके-1ए, क्यूआरएसएएम के अलावा हमारी कुछ और मिसाइलें जल्द ही सेना का हिस्सा बनेंगी।
फिलीपींस संग हुआ मिसाइलों को लेकर समझौता
दरअसल, जनवरी 2022 में भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस मिसाइलों को लेकर 375 मिलियन डॉलर का सौदा हुआ था। इसके तहत फिलीपींस को मिसाइलों की डिलीवरी होनी है। 290 किमी रेंज वाली इन मिसाइलों को एक्सपोर्ट करने का ये अपनी तरह का पहला समझौता था। इस डील के तहत दो सालों में एंटी-शिप वर्जन की तीन मिसाइल बैटरियों को एक्सपोर्ट होना है। माना जा रहा है कि इसी कड़ी में ब्रह्मोस मिसाइलों को फिलीपींस को एक्सपोर्ट किया जाएगा। (एएमएपी)