उन्होंने PML-Q नेता के साथ दोबारा कभी बातचीत की संभावनाओं से भी इनकार कर दिया है। जरदारी ने कहा, ‘उन्हें 17 मंत्रालय दिए और उन्हें (इलाही) को उप प्रधानमंत्री बनाया, लेकिन इस बार उन्होंने खुद ही बाहर होना चुना।’
खास बात है कि जरदारी की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव की बात ऐसे समय पर सामने आई है, जब इमरान सभी सभाओं से इस्तीफे की बात कर रहे हैं। पूर्व पीएम का कहना है कि उनकी पार्टी मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था में नहीं रहना चाहती। पीटीआई की पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान में है। हालांकि, पार्टी की तरफ से पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा सभाओं को भंग करने की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है।
रहमानाबाद पार्टी के शक्ति प्रदर्शन के दौरान खान ने कहा था, ‘हम इस व्यवस्था का हिस्सा नहीं रहेंगे। हम ने सभी सभाएं और विधानसभाएं छोड़ने का फैसला किया है।’ (एएमएपी)