रक्षा मंत्री ने 179 कार्य दिवस पूरा करने के प्रावधान में छूट को मंजूरी दी
सरकारी ड्यूटी के दौरान मरने वाले मजदूरों के परिजनों को होगा फायदा
दरअसल, बीआरओ की इकाइयां दूर-दराज, बर्फ से घिरे और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां कोई उचित सार्वजनिक और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। प्रतिकूल वातावरण, दुर्गम पहाड़ी इलाके, खतरनाक कार्य स्थल आकस्मिक वेतनभोगी मजदूरों के जीवन के लिए भारी खतरा पैदा करते हैं। अभी तक 179 दिन काम करने वाले आकस्मिक वेतनभोगी मजदूरों को ही पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि का एकमुश्त भुगतान किया जाता था। इस वजह से दिवंगत मजदूरों के परिवार इस अनुदान से वंचित रह जाते थे। रक्षा मंत्री ने हाल ही में सीमा सड़क संगठन के साथ काम करने के दिनों की परवाह किए बिना आकस्मिक वेतनभोगी मजदूरों की बेहतरी के लिए कई कल्याणकारी उपायों को मंजूरी दी थी।
Defence Minister Rajnath Singh has approved a proposal for waiver of the provision to complete 179 working days, at the time of the accident, for payment of ex-gratia lump sum compensation to Casual Paid Labourers (CPLs) working in Border Roads Organisation (BRO)/General… pic.twitter.com/J4rAoKyWW0
— ANI (@ANI) February 7, 2024
रक्षा मंत्रालय के अनुसार अब आकस्मिक वेतन भोगी मजदूरों की काम करने के दौरान हुई मौतों के मामलों को ध्यान में रखते हुए मानवीय आधार पर न्यूनतम 179 कार्य दिवसों की शर्त में छूट दे दी गई है। इस वजह से उन मजदूरों के परिवारों के लिए बड़ी राहत होगी, जो सरकारी ड्यूटी के दौरान अपनी रोटी कमाने वाले को खो देते हैं। बीआरओ और जीआरईएफ की परियोजनाओं में कार्य करने वाले आकस्मिक वेतनभोगी मजदूरों के लिए समूह (मियाद) बीमा योजना पहले से लागू है, जिसमें सीपीएल की मृत्यु होने पर उनके परिजनों के लिए 10 लाख रुपये मूल्य का बीमा किया जाता है। इसके अलावा दुर्घटना स्थल से पार्थिव शरीर पैतृक स्थान तक ले जाने के लिए परिवहन भत्ता, अंत्येष्टि भत्ता 1,000 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया गया है। मृत्यु होने पर तत्काल सहायता के रूप में 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि का अग्रिम भुगतान किये जाने की व्यवस्था की गई है।(एएमएपी)