अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने गहरे अंतरिक्ष से एक एस्टेरॉयड का नमूना वापस धरती पर लाया है। यह सौर मंडल के सबसे खतरनाक उल्कापिंडों में से एक बेन्नू का सैंपल है। अमेरिका के लिए यह बेहद ऐतिहासिक रहा। पहली बार इस तरह का कोई मिशन सुरक्षित रूप से उतरा है। ओसीरीस रेक्स स्पेसक्राफ्ट ने 2020 में इस सैंपल को भरा था। नासा इस वस्तु को लेकर और भी अधिक जानना चाहता है।आंकड़ों के मुताबिक अगले 300 वर्षों में यह हमारे ग्रह से टकरा सकता है। हालांकि इसके सैंपल की स्टडी का यह इकलौता कारण नहीं है। इसका एक बड़ा कारण 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल की शुरुआत से जुड़ी जानकारी को समझना है। नासा के ओसीरीस रेक्स मिशन की टीम ने जब रेगिस्तान में इस कैप्सूल को देखा तो उनमें खुशी छा गई। जहां यह कैप्सूल उतरा है वह जमीन रक्षा विभाग की है, जिस पर लैंडिंग की पुष्टि स्थानीय समयानुसार 10.52 बजे हुआ। निर्धारित समय से यह तीन मिनट पहले उतरा। इस कैप्सूल का आकार एक कार के टायर के आकार का है। 12 किमी प्रति सेकंड की स्पीड से यह वायुमंडल में आया। एक हीटशील्ड और पैराशूट के जरिए इसके उतरने की स्पीड धीमी हो गई।

एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन के चीफ इंजीनियर टिम प्रिजर ने कहा कि इस छोटे कैप्सूल ने काम को पूरा किया। यह किसी पंख की तरह धरती पर गिरा। इस मिशन से जुड़े दांते लॉरेट ने कहा, मैं हेलीकॉप्टर में था, जब मैंने सुरा की पैराशूट खुल गया है और हम सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले हैं, तो मैं उस समय किसी बच्चे की तरह रो रहा था। कैप्सूल के जरिए 250 ग्राम उल्कापिंड के सैंपल को लाया गया है।

यह सैंपल सुनने में ज्यादा नहीं लगता। लेकिन नासा की टीमें जिस तरह का टेस्ट करना चाहती हैं, उसके लिए यह पर्याप्त से ज्यादा है। नासा के जॉनसन स्पेस फ्लाइट सेंटर के मुख्य वैज्ञानिक एलीन स्टैनबेरी ने कहा, हम बहुत हाई रिजॉल्यूशन पर बहुत छोटे कणों का विश्लेषण कर सकते हैं। नासा ने इससे जुड़ी तस्वीरें जारी की हैं।(एएमएपी)