अमेरिका के शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद संकट में घिरे गौतम अडानी समूह को एक और बड़ा झटका लगा है। इंडेक्स ऑपरेटर एमएससीआई ने कहा कि उसने अडानी समूह की चार सिक्योरिटीज के फ्री-फ्लोट डेजिग्नेशन में कटौती की है। एमएससीआई ने एक बयान में कहा कि उसने अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन और एसीसी के फ्री फ्लोट्स को कम कर दिया है। इंडेक्स ऑपरेटर के मुताबिक, बाकी कंपनियों के फ्री फ्लोट पहले जैसे ही रहेंगे। बता दें कि अडानी ग्रुप की आठ कंपनियां एमएससीआई इंडेक्स में शामिल हैं।

मार्च से होंगे प्रभावित

 

जिन चार कंपनियों के लिए फ्री फ्लोट डेजिग्नेशन कम करने की घोषणा की गई है, उनका एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में 30 जनवरी तक संयुक्त रूप से 0.4% भार है। बदलाव 1 मार्च से प्रभावी होंगे। बता दें कि एमएससीआई की रिव्यू की खबर के बाद गुरुवार को समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई थी। समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर करीब 15 प्रतिशत नीचे चला गया था। समूह की 10 कंपनियों में नौ के शेयर नुकसान में बंद हुए थे। जबकि बीएसई सेंसेक्स 142 अंक चढ़ा था। आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अरबपति गौतम अडानी की सातों लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 110 बिलियन डॉलर तक गिर गया है।

एमएससीआई ने किया था रिव्यू का ऐलान

हाल ही में एमएससीआई ने कहा था वह समूह की कंपनियों की कुछ सिक्योरिटिज़ को ‘फ्री फ्लोट’ का दर्जा देने की समीक्षा कर रही है। एमएससीआई (मोर्गन स्टेनले कैपिटल इंटरनेशनल) के अनुसार ‘फ्री फ्लोट’ का मतलब है बाजार में सभी हिस्सेदारों के पास उपलब्ध शेयर के अनुपात में कितने शेयर बाजार में वैश्विक निवेशकों की खरीद के लिये उपलब्ध हैं। दरअसल, कुछ मार्केट हिस्सेदारों ने अडानी ग्रुप के शेयरों को इंडेक्स में शामिल किए जाने पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद यह फैसला लिया गया है। एमएससीआई नियमों के मुताबिक फ्री फ्लोट किसी भी सिक्योरिटी का हिस्सा होता है, जिसे ग्लोबल इनवेस्टर्स खरीद सकते हैं। बता दें कि नाथन एंडरसन ने एमएससीआई के  फैसले को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की पुष्टि के तौर पर देख रही है।

अडानी पर भारतीय अर्थव्यवस्था का 1% कर्ज

इधर, निक्केई एशिया ने अडानी समूह के कर्ज पर एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी समूह का कुल कर्ज 3.39 ट्रिलियन (41.1 बिलियन) तक है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था के कम से कम 1% के बराबर है। रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बताया था कि अक्टूबर 2022 तक भारत की नॉमिनल जीडीपी 273 ट्रिलियन रुपये थी। यह अडानी ग्रुप के कुल कर्ज का लगभग 1.2% है।  (एएमएपी)